श्रीनगर। 9 अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उप-चुनाव के दौरान सीआरपीएफ के जवानों पर हमले के सिलसिले में आज 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि हैरान करने वाले दो और वीडियो वायरल हुए हैं, जिससे अशांत चल रही कश्मीर घाटी में एक नया विवाद पैदा हो गया है। जवानों के साथ बदसलूकी करने वाले कुल 11 लोगों की पहचान पुलिस ने कर ली है और इन्हें सरगर्मी से तलाशा जा रहा है। जवानों पर हमले का मुख्य आरोपी फिलहाल फरार हो गया है। उम्मीद की जा रही है कि जम्मू पुलिस के हाथ जल्दी ही इनके गिरेबां तक पहुंच जाएंगे।
पुलिस ने बताया कि सीआरपीएफ से शिकायत प्राप्त करने के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया और बड़गाम जिले में शूट किए गए इस वीडियो में नजर आ रहे अन्य लोगों की तलाश जारी है। चुनाव के दिन हुई हिंसा में बड़गाम जिले में सात लोग मारे गए थे।
सीआरपीएफ सूत्रों ने बताया कि मतदान के एक दिन बाद यह वीडियो सामने आया, जिसमें सीआरपीएफ के कुछ जवानों को सड़क पर जाते देखा जा रहा है और कुछ नौजवान उनसे बदसलूकी कर रहे हैं, उन्हें लात मार रहे हैं और धकेल रहे हैं। इस वीडियो से देश भर में आक्रोश पैदा हो गया था। वीडियो में दिख रहा है कि इतना सब कुछ सहने के बावजूद सीआरपीएफ के जवान पलटवार नहीं करते और चुपचाप अपने शिविर की ओर चले जाते हैं, क्योंकि उन्हें गोली नहीं चलाने के निर्देश मिले थे।
अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ ने इस वाकये को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था, क्योंकि उसके जवान और मतदान कर्मी मतदान केंद्र से पहले ही चले गए थे। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस पी वैद्य ने सीआरपीएफ के जवानों की ओर से दिखाए गए संयम को सराहा और कहा, ‘दुनिया में किसी भी सशस्त्र बल ने ताकत के साथ पलटवार किया होता।’
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कोलकाता में कहा कि वह कश्मीर में शूट किए गए वीडियो के मामले को देखेंगे। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने पहले ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें लिए सीआरपीएफ के जवानों (को रोके जाने) वाली घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने को कह दिया है।’
वैद्य ने बताया, ‘हमने सीआरपीएफ के जवानों से बदसलूकी करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ चदूरा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की है। उनसे कानून के मुताबिक निपटा जाएगा।’ डीजीपी ने कहा कि एक और वीडियो के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस वीडियो में दिख रहा है कि इसी इलाके के एक मतदान केंद्र के बाहर पत्थरबाजी कर रहे एक प्रदर्शनकारी के सिर में आईटीबीपी का एक जवान गोली मार रहा है।
वैद्य ने कहा, ‘इस घटना के सिलसिले में भी एक केस दर्ज किया गया है। यह जांच का मामला है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ केंद्रीय अर्धसैनिक बल के अधिकारियों ने दावा किया कि स्थानीय पुलिस मतदान केंद्र से चली गई थी, जिससे आईटीबीपी के जवानों के पास कोई गैर-जानलेवा दंगा नियंत्रण हथियार नहीं था।
तीसरा वीडियो बीरवाह इलाके से सामने आया है, जिसमें एक नौजवान को भारतीय थलसेना की एक जीप के आगे बंधा हुआ दिखाया जा रहा है। इस शख्स को जीप के आगे इसलिए बांधा गया ताकि प्रदर्शनकारी जब पत्थर फेंके तो यह नौजवान कवच का काम करे और पत्थर उसे ही लगे। इस वीडियो ने भी आक्रोश पैदा कर दिया। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे ‘स्तब्ध करने वाला’करार दिया। (वेबदुनिया/भाषा)