कुतुब मीनार मामले में कोर्ट 9 जून को सुनाएगा फैसला, जानिए किस पक्ष की क्या दलीलें थीं...

Webdunia
मंगलवार, 24 मई 2022 (13:42 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मंगलवार को कुतुब मीनार मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत अब इस मामले में 9 जून को फैसला सुनाएगी। आइए जानते हैं इस मामले में किस पक्ष ने क्या दलीलें दीं और कोर्ट ने क्या कहा... 
 
साकेत कोर्ट 
 
याचिकाकर्ता- 
 
एएसआई-
कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में ASI ने कहा कि यह नेशनल मोन्यूमेंट एक्ट के तहत संरक्षित स्मारक है। 1914 में जब कुतुब मीनार का अधिग्रहण किया गया तब यहां किसी तरह की पूजा-अर्चना नहीं हो रही थी। नियमों के मुताबिक, अब इस स्थिति को नहीं बदला जा सकता।
 
इस पर हिंदू पक्ष ने कहा कि कुतुब मीनार को 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था। मंदिर टूटने से भगवान का अस्तित्व खत्म नहीं होता। यहां आज भी मूर्तियां रखी हुई हैं। अगर यहां मंदिर में पूजा का अधिकार क्यों नहीं? हिंदू पक्ष ने अपनी दलील में कहा कि धर्म के पालन का अधिकार संविधान से मिला है। यह मौलिक अधिकार है।
 
अदालत ने हिंदू पक्ष से कहा कि आप क्या चाहते हैं, स्मारक को पूजा स्थल में तब्दील कर दिया जाए। दे। कोर्ट ने सवाल किया कि 800 साल से पूजा नहीं तो अब पूजा की मांग क्यों? कानून में कहां लिखा है कि पूजा मौलिक अधिकार है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख
More