रायबरेली/लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सोनिया गांधी तथा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अपने 2 दिवसीय दौरे पर बुधवार को रायबरेली पहुंचीं। फुरसतगंज एयरपोर्ट्स से उनका काफिला सीधे ऊंचाहार के लिए रवाना हुआ, जहां वे कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय पाल सिंह के घर पहुंचीं।
उन्होंने पूर्व विधायक के बेटे के निधन पर परिवार को सांत्वना दी और ढांढस बंधाते हुए कहा कि हम सब दु:ख की घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं। वहां काफी देर रुकने के बाद उनका काफिला सीधे भुएमओ गेस्ट हाउस पहुंचा। सांसद सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भुएमओ गेस्ट हाउस में चल रहे 4 दिवसीय कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में भी हिस्सा ले सकती हैं।
गौरतलब है कि भुएमओ गेस्ट हाउस में कांग्रेस का 4 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा है जिसका बुधवार को तीसरा दिन है। इसमें पूर्वी उत्तरप्रदेश समेत कई जिलों के जिला व शहर अध्यक्षों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व नेताओं की कार्यशैली से भी उन्हें वाकिफ कराया जा रहा है।
बाद में लखनऊ में उप्र कांग्रेस कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि 20 जनवरी को रायबरेली में शुरू हुए कांग्रेस के जिला और शहर अध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर के बुधवार को तीसरे दिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक हुई। संयुक्त बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने हिस्सा लिया।
संयुक्त बैठक में उत्तरप्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों पर गहन चिंतन मनन हुआ और आगामी अभियानों, आंदोलनों और रणनीतियों पर चर्चा हुई। संयुक्त बैठक में तय हुआ कि कांग्रेस पार्टी पूरे सूबे में किसानों के मुद्दे पर आंदोलन करेगी। बैठक में पूरे आंदोलन की रूपरेखा तय हुई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू मौजूद रहे।
प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, किसानों की दुर्दशा, युवाओं एवं छात्रों से जुड़े मुद्दे तथा मंदी की चपेट में घिर रही अर्थव्यवस्था और भयंकर बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस जल्द ही प्रदेश व्यापी आंदोलन की घोषणा करेगी।
आंदोलन की रूपरेखा में तय हुआ कि ब्लॉक से लेकर लखनऊ तक सरकार को किसानों की बदहाली पर सरकार को घेरा जाएगा। किसानों के मुद्दे पर नुक्कड़ सभा, तहसीलवार कार्यक्रम के साथ हर ब्लॉक में किसानों के घरों तक कांग्रेस के कार्यकर्ता जाकर उनकी पीड़ा सुनेंगे। इस अभियान के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों का भी घेराव करेंगे। इस किसान आंदोलन के अंतिम चरण में लखनऊ में विशाल किसान आक्रोश मार्च भी प्रस्तावित किया गया है।
प्रशिक्षण शिविर में जिलाध्यक्षों और शहर अध्यक्षों को बूथ स्तर पर मैनेजमेंट और कमेटियों के निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही साथ सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल के लिए भी जिलाध्यक्षों और शहर अध्यक्षों ने प्रशिक्षण लिया।