नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश में दलितों पर अत्याचार और उत्पीड़न की घटनाएं चरम पर पहुंच गई हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ओर ध्यान देने की बजाय कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता पीएल पूनिया ने यहां पार्टी मुख्यालय में कहा कि मध्यप्रदेश से हैरान करने वाली खबर आई है। प्रशासन ने दलित समुदाय के लोगों से अपने घर में शादी की सूचना तीन दिन पहले पुलिस को देने के लिए कहा है। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह दलितों के लिए ही क्यों जरुरी है। पुलिस का कहना है कि इससे दलितों की सुरक्षा करने में मदद मिलेगी और गड़बड़ी करने वाले दोषियों को पकड़ा जा सकेगा।
पूनिया ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद दलितों के उत्पीड़न के बारे में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो रही है। देश में दो तरह के कानून चल रहे हैं। एक में आरोप के बाद गिरफ्तारी हो जाती है जबकि दूसरे में जांच और अनुमति के बाद ही गिरफ्तारी संभव है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उच्चतम न्यायालय में दलितों का पक्ष सही तरीके से नहीं रख रही है हालांकि मोदी दलितों के उत्थान के लिए लंबी-चौड़ी बातें करते हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि देश में दलितों का उत्पीड़न चरम पर है, लेकिन केंद्र की पूरी सरकार कर्नाटक चुनावों में व्यस्त है। इस चुनाव के लिए जो दिन बचे हैं उनमें प्रधानमंत्री 21 जनसभाएं करेंगे। इसका तात्पर्य है कि इन दिनों सरकार का कामकाज ठप रहेगा।
पूनिया ने कहा कि दलितों के बारे में भाजपा दोहरी नीति अपना रही है। भाजपा नेता दलितों के घर भोजन करने जाते हैं लेकिन उनके अधिकारों का हनन करते हैं और उनके सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं। कांग्रेस के इस मत से भाजपा के कई नेता और सांसद भी सहमत हैं। इसके लिए कांग्रेस नेता ने भाजपा सांसद उदित राज के हाल के बयान का विशेष तौर पर उल्लेख किया। कांगेस प्रवक्ता ने कहा कि दलितों के साथ अच्छा व्यवहार करने की जरुरत है जिससे वे सम्मानित महसूस कर सकें। (वार्ता)