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CM अरविन्द केजरीवाल 28 मार्च तक ED रिमांड पर, नहीं देंगे इस्तीफा

ईडी ने कहा- अरविन्द केजरीवाल ने मुख्‍यमंत्री होने का फायदा उठाया

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 मार्च 2024 (21:26 IST)
Chief Minister Kejriwal on ED remand till March 28: दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 मार्च तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया है। इस बीच, केजरीवाल ने कहा कि वे मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि अंदर रहूं या बाहर, सरकार वहीं से चलेगी। हालांकि केजरीवाल की होली हवालात में ही मनेगी। 
 
28 मार्च को होगी पेशी : राउज एवेन्यू अदालत में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि केजरीवाल को 28 मार्च को दोपहर दो बजे अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत ने मामले में 10 दिन की हिरासत का अनुरोध करने वाले प्रवर्तन निदेशालय के अर्जी पर आदेश पारित किया। ईडी ने 10 दिन की हिरासत मांगी थी। हालांकि केजरीवाल ने कहा है कि वे मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि ईडी का लक्ष्य पूछताछ करना नहीं था। 
क्या कहा ईडी ने : ईडी ने शुक्रवार को दावा किया कि कथित आबकारी घोटाला मामले में अपराध से अर्जित कमाई की ‘बड़ी लाभार्थी’ रही आम आदमी पार्टी द्वारा धनशोधन कराए जाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का मुख्यमंत्री होने का फायदा उठाया।
 
संघीय एजेंसी ने उनकी हिरासत मांगते हुए धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत गठित विशेष अदालत से कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों के साथ साठगांठ करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य षड्यंत्रकारी हैं।
ईडी ने अपने रिमांड पत्र में दावा किया कि अरविंद केजरीवाल कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने की साजिश रचने में संलिप्त थे और वह इन्हें इस नीति के जरिए फायदा पहुंचाने के एवज में शराब कारोबारियों से रिश्वत की मांग करने में शामिल रहे।
 
भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के पूर्व अधिकारी केजरीवाल (55) को ईडी ने बृहस्पतिवार रात, धन शोधन रोधी कानून के तहत दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। अदालत ने केजरीवाल को उनकी गिरफ्तारी के एक दिन बाद 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया। 
क्या कहा केजरीवाल के वकील ने : केजरीवाल के वकील ने अदालत में कहा कि यह साबित करने के लिए कोई सबूत या सामग्री नहीं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आबकारी नीति में कुछ गलत किया या कोई लाभ प्राप्त किया है। आबकारी नीति मामले में 200 से अधिक छापों के बावजूद मुख्यमंत्री केजरीवाल की अपराध में संलिप्तता साबित करने वाली कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है।

विपक्षी दल चुनाव आयोग से मिले : इस बीच, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को निर्वाचन आयोग का रुख किया और यह आग्रह किया कि वह विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’ को रोकने के लिए हस्तक्षेप करे।
 
निर्वाचन आयोग से मुलाकात करने वाले विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने यह दावा किया कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग लोकसभा चुनाव में समान अवसर की स्थिति को खत्म करना है जिसका चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ता है।
 
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल एवं अभिषेक सिंघवी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन एवं नदीमुल हक, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान, आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक, द्रमुक के पी विल्सन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के जितेंद्र अव्हाड़ शामिल थे।
 
कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को ‘प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस तरह के कदम से ‘इंडिया’ गठबंधन और एकजुट होगा क्योंकि यह गठबंधन नहीं, बल्कि ‘जनबंधन’ है। 
 
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बौखलाए हुए हैं तथा विपक्ष को पटरी से उतारने और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारियां की जा रही हैं। (भाषा/वेबदुनिया)
 

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