Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

अबकी दिवाली चीन का दम निकालने की तैयारी, व्यापारियों ने आयात घटाया

हमें फॉलो करें अबकी दिवाली चीन का दम निकालने की तैयारी, व्यापारियों ने आयात घटाया
नई दिल्ली , रविवार, 10 सितम्बर 2017 (13:34 IST)
नई दिल्ली। चीन के साथ रिश्तों में पिछले दिनों बढ़ती तनातनी के बीच इस बार त्योहारी सीजन में भारतीय बाजारों में चीन के उत्पादों का जलवा कम होने की आशंका है। होली, दिवाली जैसे भारतीय त्योहारों पर पिछले कई बरसों से ‘ड्रैगन’ का दबदबा रहा है। हालांकि, इस बार डोकलाम विवाद और चीनी सामान के बहिष्कार के अभियान की वजह से स्थिति कुछ बदली नजर आ रही है। हालांकि कुछ व्यापारियों का यह भी कहना है कि सस्ते चीनी सामान का मुकाबला आसान नहीं है।
 
इस साल दिवाली से पहले व्यापारियों ने भी चीन से सामान के आर्डरों में काफी कमी है। रोशनी की लड़ियां हों अथवा तमाम तरह के गिफ्ट आइटम, देवी देवताओं की मूर्तियां या गॉड फिगर हर साल दिवाली से पहले ऐसे ‘चाइनीज’ उत्पादों की बाढ़ आ जाती है।
 
देशभर के थोक व्यापारी दिवाली से चार-पांच महीने महीने पहले ही चीन से सामान मंगाने के लिए आर्डर दे देते हैं। पिछले साल दिवाली के मौके पर चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान जोरदार तरीके से चला था, लेकिन इसके बावजूद ‘ड्रैगन’ का दबदबा कायम रहा।
 
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेड्रर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि डोकलाम विवाद हालांकि सुलझ चुका है, लेकिन निश्चित रूप से चीन से हमारी ‘मैत्री’ कमजोर पड़ी है। खंडेलवाल कहते हैं कि दिवाली से पहले होली और राखी पर भी चीन से आयात कम हुआ। उन्होंने कहा कि लोगों से लगातार चीन का सामान नहीं खरीदने को कहा जा रहा है और इसका असर दिख भी रहा है।
 
खंडेलवाल कहते हैं कि इस बार दिवाली पर चीन के सामानों की बिक्री पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत से भी कम रहने का अनुमान है।
 
उन्होंने कहा कि यह दिवाली हमारे मूर्तिकारों, कुम्हारों के लिए बढ़िया रहने वाली है। अब ग्राहक चीन से आयातित देवी देवताओं की मूर्तियों के बजाय देश में बनी गॉड फिगर की मांग करने लगे हैं। इसके अलावा दीयों और मोमबत्तियों की मांग भी अधिक रहने की संभावना है। साथ ही व्यापारी अब इंडोनेशिया, मलेशिया आदि देशों से भी आयात पर ध्यान दे रहे हैं।
 
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा भी मानते हैं कि इस बार दिवाली पर ‘ड्रैगन’ का दबदबा कम रहेगा। उन्होंने कहा कि हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर सबक लेते हुए व्यापारियों ने चीन से कम आयात आर्डर दिए हैं।
 
बवेजा ने कहा कि जो व्यापारी हर साल दिवाली पर चीन से एक करोड़ रुपये का सामान आयात करता था, इस साल उसने 40-50 लाख रुपये का ही आर्डर दिया है। हालांकि इसके साथ ही वह कहते हैं कि जब तक हमारे पास प्रौद्योगिकी नहीं होगी, चीन से मुकाबला करना मुश्किल है। उनका कहना है कि बड़े व्यापारी तो फिर भी चीनी उत्पादों के बिना अपना काम चला लेंगे, लेकिन छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए यह मुश्किल है।
 
हालांकि, बहुत से व्यापारी आज भी मान रहे हैं कि दिवाली पर चीनी उत्पादों की बिक्री पर मामूली असर ही पड़ेगा। एक व्यापारी कहते हैं कि सस्ती कीमत और बेहतर फिनिशिंग की वजह से लोग चीनी उत्पादों की ही मांग करते हैं और हमें वही बेचना पड़ता है। कई बार हम ग्राहकों के सामने भारतीय ब्रांड रखते हैं, लेकिन वे चीनी उत्पाद की ही मांग करते हैं।
 
फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन परमजीत सिंह कहते हैं कि इस बार चाइनीज उत्पादों के आयात के मामले में सरकार की ओर से सख्ती दिख रही है। इसके बावजूद उनका मानना है कि चीनी सामान की मांग में खास कमी आने की संभावना नहीं है। हालांकि, उनका कहना है कि जीएसटी की वजह से इस बार दिवाली पर कारोबार ठंडा रहेगा। जीएसटी की वजह से व्यापारी तमाम तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। वहीं बाहर का व्यापारी भी दिल्ली में खरीदारी के लिए कम आ रहा है क्योंकि जीएसटी को लेकर उसमें असमंजस है।
 
लड़ियों का कारोबार करने वाले दवेश कुमार कहते हैं कि इस साल पहले नोटबंदी और बाद में जीएसटी की वजह से व्यापारियों ने चीन से काफी आर्डर रद्द किए हैं। डोकलाम विवाद की वजह से भी चाइनीज उत्पादों की बिक्री प्रभावित होगी। हालांकि इसके साथ उनका यह भी कहना है कि लड़ियों के बाजार पर आज भी चाइनीज का ही दबदबा है। ये इतनी सस्ती हैं कि सभी ग्राहक इनकी मांग करते हैं।
 
एक अन्य व्यापारी के अनुसार गिफ्ट आइटमों की बात करें तो राइस कुकर, एयर फ्रायर, क्रॉकरी, पेन, पाउच से लेकर तमाम तरह के इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद चीन के ही बिक रहे हैं। यहां तक कि मच्छर भगाने का मास्क्विटो बैट भी चीन से ही आता है। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बड़ी खबर! अब संत नहीं बन पाएंगे राम रहीम जैसे लोग