भारत-कनाडा रिश्तों के तनाव के बीच भारत ने खालिस्तानी समर्थकों पर बड़ी कार्रवाई की है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने बुधवार को आतंकवादियों, गैंगस्टरों और मादक पदार्थ के तस्करों के गठजोड़ पर कई राज्यों में व्यापक कार्रवाई के दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। मीडिया खबरों के मुताबिक 7 राज्यों की 53 जगहों पर छापेमारी की गई है।
संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये छापे एक सूचीबद्ध आतंकवादी अर्श डल्ला के सहयोगियों और कई खूंखार गैंगस्टरों के खिलाफ मामलों से संबंधित हैं।
संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा, संबंधित राज्य पुलिस बल ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली और चंडीगढ़ में 53 स्थानों पर की गई दिन भर की छापेमारी में आवश्यक सहायता प्रदान की।
कई सामग्रियां जब्त : अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी-गैंगस्टर-तस्कर गठजोड़ को खत्म करने के उद्देश्य से की गई छापेमारी के दौरान पिस्तौल, गोला-बारूद, बड़ी संख्या में डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।
उन्होंने कहा कि कार्रवाई पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, पुर्तगाल और अन्य देशों में स्थित मादक पदार्थ-तस्करों और आतंकवादी संगठनों के साथ काम करने वाले विभिन्न कट्टर गिरोहों से जुड़े हथियार आपूर्तिकर्ताओं, फाइनेंसरों और साजोसामान प्रदाताओं पर केंद्रित है।
इन जगहों पर की गई छापेमारी : प्रवक्ता ने कहा कि जिन जगहों पर छापेमारी की गई उनमें पंजाब के अमृतसर, मोगा, फाजिल्का, लुधियाना, मोहाली, फरीदकोट, बरनाला, बठिंडा, फिरोजपुर, एसएएस नगर और जालंधर जिले; हरियाणा के रोहतक, सिरसा, फतेहाबाद और फरीदाबाद जिले; राजस्थान के श्री गंगानगर, झुंझुनू, हनुमानगढ़ और जोधपुर जिले; उत्तरप्रदेश में गोरखपुर; उत्तराखंड के देहरादून और उधमसिंह नगर जिले शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के दक्षिण-पूर्वी जिले और चंडीगढ़ में भी छापेमारी की गई। प्रवक्ता ने कहा कि डल्ला के अलावा, इन छापों में एनआईए की जांच के दायरे में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, सुक्खा दुनेके, हैरी मौर, नरेंद्र उर्फ लाली, काला जठेड़ी और दीपक टीनू भी थे।
सातवीं छापेमारी : अगस्त 2022 से पांच मामले दर्ज होने के बाद एनआईए द्वारा शुरू की गई ऐसी कार्रवाई की श्रृंखला में यह सातवीं छापेमारी थी। इन पांच मामलों में इस साल जुलाई में संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ दर्ज दो नए मामले भी शामिल थे।
प्रवक्ता ने कहा कि ये मामले लक्षित हत्याओं की साजिशों, खालिस्तान समर्थक संगठनों की आतंकी फंडिंग और गैंगस्टरों द्वारा जबरन वसूली से संबंधित हैं। इन गैंगस्टरों में से कई जेलों में बंद हैं या विभिन्न विदेशी देशों से काम कर रहे हैं।
जांच से पता चला है कि ये साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों में रची जा रही थीं और इन्हें विदेश-स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अंजाम दिया जा रहा था।
प्रवक्ता ने कहा, इन साजिशों में पिछले साल पंजाब में महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी, खनन व्यापारी मेहल सिंह और अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबिया की सनसनीखेज हत्या शामिल है। एजेंसियां