More than 17000 died due to floods and heavy rains: सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में 2012 से 2021 के बीच बाढ़ और भारी बारिश से 17,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि कम अवधि की उच्च तीव्रता वाली बारिश की बढ़ती घटनाएं मुख्य रूप से शहरी बाढ़ के लिए जिम्मेदार हैं, जो अनियोजित विकास, प्राकृतिक जल निकायों के अतिक्रमण और खराब जल निकासी प्रणाली के कारण और बढ़ जाती हैं।
टुडू द्वारा सदन में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2012 से 2021 तक बाढ़ और भारी बारिश के कारण 17,422 मौतें हुईं।
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों) में भारी बारिश और बाढ़ के कारण नुकसान पर केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा राज्यवार आंकड़े संकलित किए गए हैं। इसके अनुसार फसलों, घरों सहित कुल नुकसान 2,76,004.05 करोड़ रुपये का है।
टुडू ने कहा कि बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में शहरी बाढ़ से निपटने के लिए भूजल पुनर्भरण और अन्य प्रकृति-आधारित समाधानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई पहल की गई हैं।
उन्होंने कहा कि भूजल के कृत्रिम पुनर्भरण के लिए मास्टर प्लान-2020 सीजीडब्ल्यूबी द्वारा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें 185 अरब घन मीटर (बीसीएम) पानी का दोहन करने के लिए देश में लगभग 1.42 करोड़ वर्षा जल संचयन और कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण की परिकल्पना की गई है। (भाषा)