Prime Minister Narendra Modi's degree case : गुजरात में अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री के संबंध में उनकी टिप्पणियों पर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाने को चुनौती दी थी।
अदालत ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार की पूर्व मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, जैसा कि प्रतिवादी ने तर्क दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि सरकार की मंजूरी के बिना उनके ऊपर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि कानून के अनुसार वह एक लोक सेवक हैं।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एसजे पांचाल की अदालत ने केजरीवाल की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी किसी मंजूरी की आवश्यकता नहीं है और मामले की अगली सुनवाई 28 दिसंबर को निर्धारित कर दी।
आप संयोजक केजरीवाल ने 13 दिसंबर को पांचाल की अदालत के समक्ष एक अर्जी दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके ऊपर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। उनका यह तर्क था कि वह एक लोक सेवक हैं, इसलिए दंडित प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197 के तहत मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी की आवश्यकता है।
सीआरपीसी की धारा 197 के तहत किसी सरकारी कर्मचारी पर उसके आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन में किए गए कथित आपराधिक कृत्य को लेकर मुकदमा चलाने के लिए सक्षम अधिकारी की मंजूरी की आवश्यकता होती है। केजरीवाल ने तर्क दिया था कि आवश्यक मंजूरी के बिना उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour