तेलंगाना में समय से पहले चुनाव की स्थिति उत्पन्न करने को लेकर शाह का टीआरएस पर हमला

Webdunia
रविवार, 16 सितम्बर 2018 (12:35 IST)
महबूबनगर। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए राज्य में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) पर समय से पहले विधानसभा चुनाव की स्थिति उत्पन्न करने और कथित रूप से चुनावी वादा पूरा नहीं करने के लिए तीखा हमला बोला।
 
 
शाह ने सवाल किया कि टीआरएस ने समय से पहले चुनाव की स्थिति क्यों उत्पन्न की? उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें तय कार्यक्रम के अनुसार अगले वर्ष मई में चुनाव का सामना करने का आत्मविश्वास नहीं था। तेलंगाना में पहले विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही अगले वर्ष मई में होने थे। यद्यपि टीआरएस सरकार की ओर से की गई सिफारिश के बाद राज्य विधानसभा को इस महीने के शुरू में भंग कर दिया गया।
 
शाह ने टीआरएस पर हमला बोलते हुए दावा किया कि राज्य सरकार एआईएमआईएम के भय से 17 सितंतर (1948 में जिस दिन तत्कालीन निजाम रजवाड़े का भारतीय संघ में विलय हुआ था) का जश्न आधिकारिक रूप से नहीं मना रही है। उन्होंने निजाम शासन के खिलाफ तेलंगाना के लोगों के संघर्ष को याद किया।
 
शाह ने कहा कि जो पार्टी आधिकारिक रूप से इस दिवस का जश्न नहीं मना सकती वह तेलंगाना के गौरव की रक्षा नहीं कर सकती है। भाजपा उस दिन को आधिकारिक रूप से मनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने वादे के अनुरूप तेलंगाना के गठन के बाद एक दलित को मुख्यमंत्री नहीं बनाने के लिए टीआरएस को आड़े हाथ लिया। शाह ने सवाल किया कि क्या पार्टी आगामी चुनाव के बाद ऐसा करने के लिए तैयार है?
 
उन्होंने अल्पसंख्यकों को 12 प्रतिशत आरक्षण का वादा करने के लिए टीआरएस को आड़े हाथ लिया और कहा कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के प्रतिशत में कटौती होगी, क्योंकि आरक्षण का प्रतिशत 50 से अधिक नहीं हो सकता। शाह ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद भाजपा महाराष्ट्र, झारखंड और कई अन्य राज्यों में सत्ता में आई, वहीं कांग्रेस ने आधार गंवाया है।
 
राज्य में कांग्रेस और अन्य दलों के प्रस्तावित महागठबंधन पर शाह ने कहा कि तेलुगु लोग यह नहीं भूले हैं कि कांग्रेस ने उनके नेताओं से कैसा व्यवहार किया है, जैसे (अविभाजित) आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अंजैया और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के साथ। उन्होंने तेलंगाना को राजग सरकार की ओर से राशि एवं अन्य तरीकों से दी गई मदद का उल्लेख किया।
 
उन्होंने इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए राजग सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया जिसमें 'सर्जिकल स्ट्राइक' शामिल है। राष्ट्रीय नागरिक पंजी पर उन्होंने दोहराया कि भाजपा घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाने पर काम करेगी।
 
इससे पहले शाह ने हैदराबाद में कहा कि उनकी पार्टी तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ेगी। भाजपा इस दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ समझौता नहीं करेगी। शाह ने महबूबनगर के लिए रवाना होने से पहले हैदराबाद में कहा कि पार्टी राज्य की रुकी हुई प्रगति के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।
 
टीआरएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि के. चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पार्टी पहले राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनाव एकसाथ कराए जाने के पक्ष में थी लेकिन बाद में उसने अपना रुख बदल लिया। उन्होंने कहा कि वे जानना चाहते है कि मुख्यमंत्री के एकसाथ चुनाव कराए जाने की अपनी इच्छा जताने के कुछ दिनों बाद ही राज्य विधानसभा को समय से पहले ही क्यों भंग कर दिया गया?
 
रिपोर्टों के हवाले से भाजपा प्रमुख ने कहा कि राज्य में पिछले 4 वर्षों में 4,200 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार की कुछ योजनाओं को तेलंगाना में समुचित ढंग से लागू नहीं किया गया। टीआरएस सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों में बुनियादी ढ़ांचे की कमी है।
 
इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि भाजपा चुनिंदा बातों को भूलने की बीमारी से ग्रस्त है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आप (भाजपा) हैदराबाद या तेलंगाना में सफल नहीं होंगे। औवेसी ने दावा किया कि भाजपा हैदराबाद में 5 विधानसभा सीटों के साथ ही सिकंदराबाद लोकसभा सीट बचाने में भी सफल नहीं होगी। (भाषा)
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