जम्मू। इस बार की अमरनाथ यात्रा 29 जून को आरंभ होकर 7 अगस्त तक चलेगी। इस बार 40 दिनों की अमरनाथ यात्रा में 6 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, पर अमरनाथ यात्रा के प्रति एक गहरी चिंता का विषय यह है कि राज्य में होने वाली धार्मिक यात्राओं के प्रति गठबंधन सरकार का रवैया उदासीन होने लगा है। यह इसी से साबित होता है कि हाल ही में राज्य सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2016 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य की अर्थव्यवस्था को इन धार्मिक यात्राओं से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं होता है।
राज्य सरकार द्वारा 1 साल के गैप के बाद पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2014 और 2015 में 8 मिलियन से अधिक लोग धार्मिक यात्राओं पर जम्मू-कश्मीर में आए, पर उन्होंने राज्य की आर्थिक स्थिति में कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाई बल्कि उलटे उनकी सुविधाओं तथा सुरक्षा की खातिर राज्य सरकार को करोड़ों रुपया खर्च करना पड़ा। धार्मिक श्रद्धालुओं के प्रति राज्य सरकार का इशारा अमरनाथ यात्रा तथा वैष्णोदेवी की यात्रा में शामिल होने वाले लोगों से है।
यह रिपोर्ट कहती है कि धार्मिक यात्राओं पर आने वाले लोग राज्य में 2 या 3 दिनों के लिए ही आते हैं और वे अक्सर टेंटों की बस्ती या मुफ्त दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठाते हैं जबकि टूरिस्ट बनकर आने वाले लोगों का प्रवास कम से कम 27 दिनों का होता है और वे होटल वालों, टैक्सी वालों, खच्चर वालों तथा शिकारे वालों को भी लाभ पहुंचाते हैं।
राज्य सरकार की रिपोर्ट यह भी कहती है कि धार्मिक यात्राओं पर आने वाले श्रद्धालु खरीदारी के नाम पर सिर्फ थोड़ा-बहुत प्रसाद खरीदते हैं जबकि पर्यटक बनकर आने वाले अपने लिए तथा अपने परिजनों आदि के लिए तोहफे भी खरीदते हैं। रिपोर्ट कहती है कि इस तरह से अगर धार्मिक श्रद्धालुओं तथा टूरिस्टों के बीच तुलना की जाए तो स्पष्ट होता है कि धार्मिक यात्राएं सिर्फ राज्य सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ के समान है और आने वाले टूरिस्ट अर्थव्यवस्था में अच्छा-खासा योगदान देते हैं।
नतीजतन राज्य सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के बाद ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या राज्य सरकार इस बार अमरनाथ यात्रा को बढ़ावा नहीं देगी? हालांकि एक अधिकारी का कहना था कि सर्वेक्षण में सभी धार्मिक यात्राओं और धार्मिक पर्यटन के बारे में कहा गया है। इसमें सिर्फ अमरनाथ यात्रा ही शामिल नहीं है बल्कि अन्य मुस्लिम जियारतों पर आने वाले श्रद्धालुओं की भी बात कही गई है।
स्थिति यह है कि सरकार की मंशा को भांपते हुए जम्मू के धार्मिक तथा सामाजिक संगठनों ने अभी से राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना आरंभ कर दिया है और साथ ही चेतावनी दी है कि अगर अमरनाथ श्रद्धालुओं की सेवा में कोई कमी रही तो वे सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने को मजबूर हो जाएंगे।