नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के बहाने विपक्ष एक बार फिर एकजुट होने जा रहा है। विपक्ष की महा बैठक में अपनी आपसी शत्रुता भुलाकर लगभग 20 पार्टियां हिस्सा ले रही है। 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह बैठक काफी अहम है।
इस बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति पर बात की जाएगी। बैठक में नेता किसानों की स्थिति, राफेल सौदे से लेकर जांच एजेंसियों के मुद्दे पर चर्चा करेंगे और मोदी सरकार को घेरेंगे। साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव में विपक्ष के महागठबंधन पर भी चर्चा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक आरबीआई जैसी संस्थाओं में सरकार की कथित दखलंदाजी पर नेता अपनी बात रखेंगे। साथ ही नोटबन्दी और जीएसटी को लेकर भी सरकार को घेरेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा, शरद पवार जैसे कई नेता बैठक में मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू की पहल पर ये बैठक हो रही है। नायडू के नजदीकी सूत्र के मुताबिक नायडू ने खुद फोन कर नेताओं को बैठक में आने का आग्रह भी किया है।
हालांकि जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती बैठक में नहीं आएंगे़। दोनों ही पार्टी के नेता कांग्रेस पर निशान साधते रहे हैं। मायावती तो कांग्रेस के साथ गठबंधन करने करने को लेकर कई बार बयान दे चुकी है लेकिन इसके बावजूद इन पार्टियों के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद रह सकते हैं।