मुंबई। एयर इंडिया ने अपनी न्यूयॉर्क-नई दिल्ली की उड़ान में एक व्यक्ति द्वारा पेशाबकरीब 2 महीने बाद मंगलवार को कहा कि उसने मामले में आंतरिक जांच बंद कर दी है और डीजीसीए द्वारा विमान के मुख्य पायलट का लाइसेंस निलंबित किए जाने के खिलाफ अपील में वह उनकी सहायता करेगी।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 26 नवंबर, 2022 को विमान में पेशाब किए जाने की घटना के संबंध में एयर इंडिया के पायलट का लाइसेंस 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया था और एयर इंडिया पर 30 लाख रुपए का जुर्माना और एयरलाइन की आंतरिक उड़ान सेवाओं के निदेशक पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने न्यूयॉर्क से नई दिल्ली के बीच 26 नवंबर, 2022 को संचालित उड़ान संख्या एआई 102 के चालक दल और प्रशासनिक कर्मियों के कामकाज के मामले में अपनी आंतरिक जांच को बंद कर दिया है।
एयरलाइन ने अपने बयान में कहा कि वह इस बात को मानती है कि उसने नागर विमानन आवश्यकताओं (सीएआर) के पत्र के आधार पर घटना का सही से वर्गीकरण नहीं किया और इसे रिपोर्ट करना जरूरी नहीं समझा। एयर इंडिया ने यह भी कहा कि उसे कमांडर का लाइसेंस निलंबित किए जाने की कार्रवाई उनकी गलती की तुलना में अत्यधिक लगती है और वह इसके खिलाफ अपील में उनकी मदद करेगी।
बयान में कहा गया कि एयर इंडिया तत्काल हालात से प्रभावी तरीके से निपटने में विमान कर्मियों के अच्छे मन से किए गए प्रयासों को रेखांकित करना चाहती है, जबकि सभी तथ्य उपलब्ध नहीं थे। वह इस बात को भी संज्ञान में लेती है कि बिजनेस श्रेणी के एक सहयात्री के उसी समय लिखे गए बयान में चालक दल के कामकाज की स्पष्ट प्रशंसा शामिल है और उनके द्वारा पायलट की आलोचना अन्य संदर्भ में है।
'पीटीआई-भाषा' ने 21 जनवरी को खबर जारी की थी कि एयर इंडिया के पायलटों की संस्था 'इंडियन पायलट्स गिल्ड' (आईपीजी) डीजीसीए द्वारा पायलट का लाइसेंस 3 महीने के लिए निलंबित किए जाने के संबंध में कानूनी तरीकों और अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। घटना के बाद का विस्तृत ब्योरा देते हुए एयर इंडिया ने कहा कि जब एक यात्री ने कथित रूप से सहयात्री पर पेशाब कर दिया था तो शिकायतकर्ता सहयात्री ने चालक दल से संपर्क कर सहायता मांगी थी।
उसने कहा कि कोई गवाह नहीं होने की स्थिति में चालक दल ने शिकायतकर्ता के आरोपों को सुनकर उनकी सहायता की और उन्हें नए कपड़े दिए, उनके सामान की सफाई में मदद की और उन्हें बिजनेस श्रेणी की वैसी ही दूसरी सीट पर बैठाया। जब आरोपी यात्री से इस बारे में शिकायत की गई तो वह शांत, सहयोगात्मक थे और आरोप के प्रति अनभिज्ञता जताई।
एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरोपी यात्री को चालक दल के सदस्यों ने अत्यधिक शराब नहीं परोसी थी और वह विमान कर्मियों को नशे में नजर नहीं आए थे। उसने यह भी कहा कि विमान कर्मी नियमित रूप से कमांडर को सूचित करते रहे। एयर इंडिया ने कहा कि चालक दल के हिसाब से कथित आरोपी ने किसी भी समय विमान की सुरक्षा के लिए कोई जोखिम पैदा नहीं किया। इस मामले में आरोपी शंकर मिश्रा इस समय जेल में है।(भाषा)