Agricultural scientist MS Swaminathan : प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और देश की 'हरित क्रांति' में अहम योगदान देने वाले एमएस स्वामीनाथन का गुरुवार को यहां निधन हो गया। कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 'पद्म भूषण' से नवाजा था। वे 98 वर्ष के थे।
कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को हुआ था। उनके परिवार में तीन बेटियां हैं। एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के सूत्रों ने बताया कि उनका कुछ वक्त से उम्र संबंधी बीमारियों के लिए इलाज चल रहा था।
कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 'पद्म भूषण' से नवाजा था। कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन ने 'हरित क्रांति' की सफलता के लिए दो केंद्रीय कृषि मंत्रियों सी. सुब्रमण्यम (1964-67) और जगजीवनराम (1967-70 और 1974-77) के साथ मिलकर काम किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत को प्रगति करते देखने का उनका जुनून अनुकरणीय था तथा उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
मोदी ने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, डॉ. एमएस स्वामीनाथन के निधन से गहरा दुख हुआ। हमारे देश के इतिहास में एक बहुत ही नाजुक अवधि में, कृषि में उनके अभूतपूर्व योगदान ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया और हमारे राष्ट्र के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि में अपने क्रांतिकारी योगदान से इतर, स्वामीनाथन नवाचार के पावरहाउस और कई लोगों के लिए वह एक कुशल संरक्षक भी थे। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और लोगों के लिए प्रतिपालक की अपनी भूमिका को लेकर उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने अनगिनत वैज्ञानिकों और अन्वेषकों पर एक अमिट छाप छोड़ी।
उन्होंने कहा, मैं डॉ. स्वामीनाथन के साथ अपनी बातचीत को हमेशा संजोकर रखूंगा। भारत को प्रगति करते देखने का उनका जुनून अनुकरणीय था। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया
Edited By : Chetan Gour