नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आधार को मोबाइल से जोड़ने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सोमवार को कड़ी फटकार लगाई तथा एक अन्य याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को भी आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि मिस्टर सिब्बल आप खुद भी परिपक्व कानूनविद हैं। क्या कोई राज्य सरकार संसद से पारित किए गए कानून को चुनौती दे सकती है?
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्य की बात है कि कोई राज्य सरकार संसद में पारित कानून को न्यायालय में चुनौती दे रही है। कल को केंद्र सरकार राज्य सरकारों द्वारा विधानसभाओं में पारित कानून के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। इससे देश की संघीय व्यवस्था ही ध्वस्त हो जाएगी।
न्यायालय ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यदि आधार-मोबाइल लिंकिंग को वाकई चुनौती देना चाहती हैं, तो उन्हें व्यक्तिगत तौर पर याचिका दायर करनी चाहिए, न कि सरकार की ओर से। इसके बाद सिब्बल ने याचिका में संशोधन करने की इजाजत मांगी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। अब सुश्री बनर्जी की ओर से निजी तौर पर याचिका दायर की जाएगी।
इसी मामले में राघव तन्खा की याचिका पर इसी पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके चार सप्ताह में जवाब दखल करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों को भी नोटिस जारी करके जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। (वार्ता)