नई दिल्ली। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) के लिए बुधवार को तीन घंटे में 4 लाख से अधिक प्रवेश पत्र डाउनलोड किए गए। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने बुधवार को दोपहर 12 बजे राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए प्रवेश पत्र जारी किए।
सूत्रों ने कहा कि नीट परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र 12 बजे से डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है। पहले तीन घंटे में 4 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किया। इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या जेईई एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) परीक्षा 13 सितंबर को कराने की योजना है।
इस वर्ष जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए 9.53 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है, जबकि नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। कोविड-19 महामारी के कारण इन प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग बढ़ रही है। हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने जोर दिया है कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही सितंबर में होंगी।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सितंबर में होने जा रही मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं (NEET-JEE) के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने, एक सीट छोड़कर बैठाने, प्रत्येक कमरे में कम उम्मीदवारों को बैठाने और प्रवेश-निकास की अलग व्यवस्था जैसे कदम उठाएगी।
एनटीए ने मंगलवार को अपने बयान में कहा था कि जेईई के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 की गई है, जबकि नीट अब 2546 केंद्रों के बजाय 3843 केंद्रों पर होगी। जेईई कंप्यूटर आधारित परीक्षा है, जबकि नीट पारंपरिक तरीके से कलम और कागज पर होती है।
बयान में कहा गया है कि इसके अलावा जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए पालियों की संख्या आठ से बढ़ाकर 12 कर दी गई है और प्रत्येक पाली में विद्यार्थियों की संख्या अब 1.32 लाख से घटकर 85,000 हो गई है। इसमें कहा गया कि सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जेईई-मुख्य परीक्षा में छात्रों को परीक्षा कक्ष में एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा जबकि नीट में एक कमरे में विद्यार्थियों की संख्या 24 से घटाकर 12 कर दी गई है।
वहीं, परीक्षा कक्ष के बाहर सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनश्चित करने के लिए उम्मीदवारों का विशेष प्रवेश एवं निकास होगा। उम्मीदवारों को भी उपयुक्त सामाजिक दूरी बनाए रखने सहित अन्य परामर्श जारी किए गए हैं। गौरतलब है कि परीक्षार्थियों और उनके माता-पिता ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से परीक्षा स्थगित करने की मांग की है।
मंगलवार को स्वीडन की जलवायु परिवर्तन पर बाल कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग ने इस मुद्दे पर कहा था कि यह उचित नहीं है कि भारत के छात्रों को कोविड-19 महामारी के दौरान राष्ट्रीय परीक्षा देना पड़ रही है और जब लाखों लोग बाढ़ से भी प्रभावित है।
उन्होंने कहा कि मैं कोविड के दौरान जेईई-नीट परीक्षा टालने के आह्वान का समर्थन करती हूं। वहीं कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित कई विपक्षी नेताओं ने भी परीक्षा स्थगित करने की मांग की है।
हालांकि, कोविड-19 की वजह से परीक्षा स्थगित करने का निर्देश देने के लिए दायर याचिका को पिछले हफ्ते उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। (भाषा)