नई दिल्ली। एक विशेष अदालत गुरुवार को टूजी स्पैक्ट्रम आवंटन घोटाला मामलों में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और कई अन्य के भाग्य का फैसला कर सकती है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी संप्रग सरकार के समय हुए टूजी घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अलग अलग मामलों में फैसले सुना सकते हैं।
टूजी स्पैक्ट्रम घोटाले से जुड़े मामलों पर विशेष रूप से विचार कर रही अदालत ने राजा, कनिमोझी और अन्य सहित सभी आरोपियों को फैसले के लिए उसके सामने हाजिर रहने का निर्देश दिया।
टूजी स्पैक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। जिन आरोपों में आरोप तय किए गए हैं उनमें छह महीने से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
आज जिन मामलों में फैसला आना है उनमें से एक में एस्सार समूह के प्रमोटर रविकांत रुइया और अंशुमान रुइया, लूप टेलीकाम की प्रमोटर किरन खेतान, उनके पति आई पी खेतान और एस्सार समूह के निदेशक (रणनीति एवं योजना) विकास सराफ आरोपी हैं।
सीबीआई द्वारा दायर पहले मामले में राजा और कनिमोझी के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकाम प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनीटेक लिमिटेड एमडी संजय चंद्रा और रियालंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर आरोपी हैं। (भाषा)