CJI चंद्रचूड़ को 21 पूर्व जजों ने लिखी चिट्ठी, कहा- कहीं खत्म न हो जाए न्याय प्रणाली

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 15 अप्रैल 2024 (11:47 IST)
21 former judges wrote letter to CJI Chandrachud : चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों ने चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में न्यायपालिका पर बढ़ते दबाव के बारे में जिक्र किया गया है। चिट्ठी में न्यायपालिका पर अनुचित दवाब का भी जिक्र किया गया है। चिट्ठी ने कहा गया है कि राजनीतिक हितों और निजी लाभ से प्रेरित कुछ तत्व हमारी न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को खत्म कर रहे हैं।

चिट्ठी में 21 पूर्व जजों के हस्ताक्षर : चिट्ठी में कहा गया कि हम न्यायपालिका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और इसकी गरिमा और निष्पक्षता बचाए रखने के लिए हर तरह की मदद करने के लिए तैयार हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस चुनौतिपूर्ण समय में आपका मार्गदर्शन और नेतृत्व न्याय एवं समानता के स्तंभ के तौर पर न्यायपालिका की सुरक्षा करेगा। इस चिट्ठी में कुल 21 पूर्व जजों ने हस्ताक्षर हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व जज और हाईकोर्ट के 17 पूर्व जज शामिल हैं।

जनता के विश्वास को खत्म कर रहे : मुताबिक चिट्ठी में जजों ने कहा कि न्यायपालिका के भीतर हमारी वर्षों की सेवा और अनुभव पर हम न्यायिक प्रणाली के संबंध में अपनी साझा चिंता व्यक्त कर रहे हैं। कुछ गुट न्यायपालिका को कमजोर करने की योजना बना रहे हैं। राजनीतिक हितों और निजी लाभ से प्रेरित कुछ तत्व हमारी न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को खत्म कर रहे हैं। इनके तरीके काफी भ्रामक हैं, जो हमारी अदालतों और जजों की सत्यनिष्ठा पर आरोप लगाकर न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने का स्पष्ट प्रयास हैं।

पूर्व जजों ने चिट्ठी में आगे लिखा इस तरह की गतिविधियों से न सिर्फ न्यायपालिका की शुचिता का असम्मान होता है बल्कि जजों की निष्पक्षता के सिद्धांतों के सामने चुनौती भी है। इन समूहों द्वारा अपनाई जा रही योजना काफी परेशान करने वाली भी है, जो न्यायपालिका की छवि धूमिल करने के लिए आधारहीन थ्योरी गढ़ती है और अदालती फैसलों को प्रभावित करने का प्रयास करती है।

हम विशेष रूप से गलत सूचना की रणनीति और न्यायपालिका के खिलाफ जनता की भावनाओं के बारे में चिंतित हैं। यह न केवल अनैतिक हैं, बल्कि हमारे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के लिए भी हानिकारक हैं। 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की ओर से चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि न्यायिक निर्णयों की चुनिंदा रूप से प्रशंसा करने की प्रथा किसी के विचारों के साथ मेल खाती है। साथ ही उन लोगों की तीखी आलोचना करती है जो न्यायिक समीक्षा और कानून के शासन के सार को कमजोर नहीं करते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India Pakistan Attack News : भारत के हमलों से डरकर बंकर में छिपे पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ

क्या है भारत का S-400 डिफेंस सिस्टम, जिसने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम

या खुदा आज बचा लो, फूट-फूटकर रोने लगा सांसद, Pakistan में Operation Sindoor का खौफ

India Attacks On Pakistan : राजस्थान में जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी JF-17 का पायलट

पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना, मिसाइलों और ड्रोनों से किया हमला, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

सभी देखें

नवीनतम

सायरन से कैसे बची जम्मू के एक परिवार की जान, धमाके की आवाज सुन लगा सब कुछ खत्म हो गया

क्या पाकिस्तान के कब्जे में हैं स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह? आखिर क्या है सच्चाई

मीडिया चैनलों में नहीं बजेगा सायरन, जानिए वजह

Maharashtra: साइबर पुलिस ने भारत-पाक सैन्य संघर्ष पर 5000 फर्जी पोस्ट सोशल मीडिया मंच से हटाए

ऑपरेशन सिंदूर की कर्नल सोफिया कुरैशी का रानी लक्ष्मीबाई से क्या है कनेक्शन

अगला लेख