मुंबई। वर्ष 1993 में मुंबई धमाके का दोषी 68 वर्षीय जलीस अंसारी गुरुवार को लापता हो गया। उसे डॉक्टर बम ने नाम से भी जाना जाता था। जलीस पैरोल पर था और उसे शुक्रवार को आत्मसमर्पण करना था।
अधिकारी ने बताया कि अंसारी यहां के अग्रीपाडा थाने के अंतर्गत मोमिनपुर का रहने वाला है और उम्र कैद की सजा काट रहा है। वह देश के विभिन्न हिस्सों में हुए कई धमाकों में सदिंग्ध है।
उन्होंने बताया कि अंसारी को राजस्थान स्थित अजमेर केंद्रीय कारागार से 21 दिनों के पैरोल पर रिहा किया गया था और शुक्रवार को उसे जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करना था।
पैरोल की अवधि के दौरान अंसारी को रोजाना सुबह साढ़े दस बजे से 12 बजे के बीच अग्रीपाडा थाने आकर हाजिरी लगाने को कहा गया था लेकिन वह गुरुवार को निर्धारित समय पर नहीं पहुंचा। दोपहर को अंसारी का 35 वर्षीय बेट जैद अंसारी पुलिस थाने पहुंचा और पिता के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के मुताबिक जलीस अंसारी तड़के उठा और घरवालों से नमाज पढ़ने की बात कहकर निकला लेकिन वापस नहीं लौटा।
जैद की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा और महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने उसको पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है।
गौरतलब है कि जलीस को डॉक्टर बम से भी जाना जाता है और आरोप है कि वह सिमी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़ा था और उन्हें बम बनाना सिखाता था।