अमेरिकन कॉमिक स्ट्रिप राईटर और आर्टिस्ट रिचर्ड आउटकार्ट को मॉडर्न कॉमिक स्ट्रिप का आविष्कारक माना जाता है, जिसने विश्व की पहली रंगीन कॉमिक स्ट्रिप ‘द येलो किड’ कार्टून बनाया। यह पहली बार 5 मई 1895 को न्यूयॉर्क वर्ल्ड अख़बार में लोगों के सामने पेश किया गया। तब से इस दिन को वर्ल्ड कार्टूनिस्ट डे मनाया जाता है। कार्टून का नाम सुनते ही वॉल्ट डिज्नी याद आता है।
आइए आज जानते हैं वॉल्ट डिज्नी से संबंधित कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।
वॉल्ट ने मिकी माउस का नाम पहले मौरटीमर माउस रखा था, लेकिन उनकी पत्नी लिली का कहना था की यह नाम बेहद ‘फैंसी’ है और मिकी नाम सुझाया। उनका मानना था कि मिकी नाम प्यारा है।
अलादीन फिल्म के लिए रॉबिन विलिअम के पास रिकॉर्डिंग के लिए ज्यादा वक़्त नहीं था, लेकिन जितना भी वक़्त था, उतने में उन्होंने जीनी यानि जिन्न की आवाज़ के लिए 20 बार अलग-अलग भावों और आवाजों से हर संवाद को रिकॉर्ड किया। पोस्ट प्रोडक्शन टीम को जो सबसे बेहतरीन लगा, वही संवाद चुना गया।
कुछ ही समय पहले रिलीज़ हुई ‘फ्रोजन’ को बनाने में 600 लोग लगे, जिन्हें पूरी फिल्म बनाने में पूरे ढाई साल लगे। इसे रिलीज़ करने तक इस फिल्म को करीब 30 लाख घंटे हो चुके थे।
वैसे तो मोआना फिल्म पूरी तरह कंप्यूटर पर ही एनीमेशन से बनाई गई है। लेकिन उसके पात्र मूल के शरीर पर बने हुए टेटू एनिमेटर एरिक गोल्डबर्ग ने हाथ से बनाए।
प्रिंसेस एंड द फ्रॉग फिल्म में मगर का नाम लुइस बिना किसी वजह से नहीं है। जेज़ प्लेयर लुइस आर्मस्ट्रोंग को श्रद्धांजलि देने के लिए उसका नाम लुइस रखा गया था।
1970 में बनी फिल्म अरिस्त्रोक्रेक्ट्स वास्तव में इस तथ्य पर आधारित थी की 20वीं सदी में पर्शियन परिवारों की पालतू बिल्लियों को भी विरासत में संपत्ति दी जाती थी।
स्नो-वाइट एंड द सेवेन ड्वार्फ्स फिल्म को विशेष अकादमी अवार्ड दिया गया था, उसमे ऑस्कर की ट्रॉफी का आकर भी बेहद छोटा था।
बैम्बी वैसे तो डिज्नी द्वारा बनाई जाने वाली दूसरी एनिमेटेड फिल्म होती, लेकिन उन्हें पूरी फिल्म में हर चीज़ इतनी सटीक और सही चाहिए थी कि उसके बनने से पहले पिनोकियो, फैन्टेसिया और डम्बो रिलीज़ हो गई।
लायन किंग विश्व की सबसे ज्यादा होम-वीडियो पर बिकने वाली एनिमेटेड फिल्म है। अब तक इसकी 50 लाख से भी ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं।
स्नो-वाइट एंड द सेवेन ड्वार्फ्स के लिए वैसे तो 25 गाने लिखे गए थे, लेकिन इनमे से सिर्फ 8 का ही इस्तेमाल किया गया। उनकी मृत्यु के बाद अनुमान लगाये जा रहे थे कि डिज्नी स्टूडियो अब शायद काम न कर पाए। लेकिन यह फिल्म सुपर हिट रही।
लिटिल मरमेड फिल्म के लिए 10 लाख पानी के बुलबुले हाथ से पेंट किए गए थे। काम इतना बड़ा था की इसके लिए स्टूडियो को चीन के एक स्टूडियो- पसिफ़िक रिम की मदद लेनी पड़ी।
डम्बो डिज्नी की सबसे छोटी फिल्म है, जो सिर्फ 64 मिनट की है।
101 डालमेशियन्स, पीटर पैन, लेडी एंड द ट्रैम्प और मुलान ही ऐसी डिज्नी फिल्में हैं जिसमे माता पिता अंत तक जीवित रहते हैं।
ब्यूटी एंड द बीस्ट फिल्म जब चीन में रिलीज़ हुई, तो जैकी चेन ने बीस्ट के संवाद अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड किए।
फ्रोज़न पहली डिज्नी फिल्म है जिसे एक महिला निर्देशक ने निर्देशित किया है।
टैंग्ल्ड विश्व की दूसरी सबसे महंगी फिल्म है। यानि इसे बनाने में जेम्स केमरूम की अवतार फिल्म से भी अधिक पैसे लगे हैं।
‘अप’ फिल्म में कार्ल के घर को आसमान में उठाने के लिए 94 लाख गुब्बारे लगते थे।
स्लीपिंग ब्यूटी के फ्लॉप होने के बाद डिज्नी ने अगले 30 साल तक कोई भी प्रिंसेस फिल्म नहीं बनाई।30 साल बाद द लिटिल मरमेड बनाई गई।
वॉल-ई में वॉल ई का नाम वॉल्ट एलिआस डिज्नी के नाम के पहले अक्षरों से ही लिया है।
बेल्ल इकलौती डिज्नी राजकुमारी है जिसकी हेज़ल आंखें है।
सिंड्रेला फिल्म में ‘प्रिंस’ के नाम का कहीं ज़िक्र नहीं है।
सिम्बा का अर्थ वास्तव में अफ़्रीकी लायन होता है।
अलादीन जब भी झूठ बोलता है, तब उसकी पगड़ी से एक पंख उसके चेहरे पर गिर जाता है।
पहले प्रिंट कार्टून की दुनिया हुआ करती थी। आज भी है। परन्तु इन चलित कार्टून्स ने जादू की दुनिया का निर्माण कर दिया है। क्या बालक, क्या बूढ़े, सभी उम्र के लोग इनके दीवाने हैं। इनका असर सर चढ़ कर बोलता है। यदि आप तनाव मिटाना चाहते है -इन्हें देखें, खिल खिलाना चाहते है तो इन्हें देखें। बचपन जीना चाहते हैं इन्हें देखे। छल-कपट से दूर... बहुत दूर रंगीन... हसीन... इन्द्रधनुषी दुनिया का आनंद इन्हीं से मिलता है।