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US election: जो बि‍डेन की जीत... क्‍या हो सकते हैं भारत और पाकिस्‍तान के लिए इस ‘जीत के मायने’

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नवीन रांगियाल

  • पाकिस्तान ने बि‍डेन को साल 2008 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'हिलाल-ए-पाकिस्‍तान' से सम्मानित किया था।
  • अपनी माली हालत की वजह से पाकिस्‍तान को आर्थि‍क मदद के लिए हमेशा जरुरत होती ही है।
  • जो बि‍डेन कई बार कश्‍मीर और मुसलमानों के मामले में पाकिस्‍तान के प्रति अपना नर्म रवैया जाहिर कर ही चुके हैं।
  • जो बि‍डेन की छवि पाकिस्‍तान को डोनाल्‍ड ट्रम्‍प की तरह अंतररारष्‍ट्रीय मंचों पर लताड़ने जैसी नहीं है।

अमेरिका के चुनावों पर सस्‍पेंस कुछ वक्‍त में साफ हो जाएगा और यह सामने आ जाएगा कि डोनाल्‍ड ट्रम्‍प ही अमेरिका के राष्‍ट्रपति‍ होंगे या जो बि‍डेन के हाथों में होगी युनाइटेड स्‍टेट की कमान।

फि‍लहाल जो स्‍थि‍ति‍ बनी हुई है, उसमें जो बि‍डेन की तस्‍वीर अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर ज्‍यादा स्‍पष्‍ट नजर आ रही है। ऐसे में वैश्‍व‍िक स्‍तर पर यह किसी के लिए अच्‍छा होगा तो किसी के लिए बुरा। पाकिस्‍तान की बात करें तो वो बि‍डेन को ही राष्‍ट्रपति के रूप में देखना चाहेगा।

दरअसल, डेमोक्रेट उम्‍मीदवार जो बि‍डेन के पाकिस्‍तान के साथ पुराने रि‍श्‍ते हैं। पाकिस्तान ने बि‍डेन को साल 2008 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'हिलाल-ए-पाकिस्‍तान' से सम्मानित किया था। उस वक्त, बाइडन के साथ ही सीनेटर रिचर्ड लुगर भी पाकिस्तान को 1.5 बिलियन डॉलर की गैर-सैन्य सहायता प्रदान करने के पक्ष में थे, इसलिए लुगर के इस ‘समर्थन’ से प्रभावित होकर पाकिस्तान ने उन्हें भी 'हिलाल-ए-पाकिस्‍तान' दे डाला था।

दूसरा कारण यह है कि पाकिस्‍तान की आर्थि‍क स्‍थि‍ति‍ इस वक्‍त बेहद बुरी है, कोरोना ने कई देशों की कमर तोड़ दी है ऐसे में पाकिस्‍तान की स्‍थि‍ति‍ का अंदाजा लगाया जा सकता है। जो बि‍डेन ने कई बार पाकिस्‍तान को आर्थि‍क मदद की वकालत की है, ऐसे में वो अब भी अमेरिका के सामने अपने हाथ आसानी से फैला सकेगा।

तीसरा कारण यह है कि जो बि‍डेन कश्‍मीर को लेकर कई बार अपना विचार जाहिर कर चुके हैं। उनके बयान इशारा करते हैं कश्‍मीर मामले में उनका रुख पाकिस्‍तान के लिए नर्म है। जो बि‍डेन कश्मीरी मुसलमानों की तुलना बांग्लादेश के रोहिंग्या और चीन के वीगर मुसलमानों से कर चुके हैं। भारत सरकार के धारा 370 हटाने के लगभग 10 महीने बाद जून 2020 को प्रकाशित एक बयान में उन्होंने नई दिल्ली से कश्मीरियों के अधिकारों को बहाल करने की मांग की थी। ऐसे में निश्‍चित तौर पर पाकिस्‍तान को अमेरिका की तरफ से ताकत मिलेगी।

जो बि‍डेन की तुलना में डोनाल्‍ड ट्रम्‍प पाकिस्‍तान के लिए बेहद सख्‍त रहे हैं, उन्‍होंने कई अंतरराष्‍ट्रीय मंचों से पाकिस्‍तान को बुरी तरह से लताडा है, जबकि वे हमेशा भारत के साथ भारत के पक्ष में खड़े रहे हैं, लेकिन जहां तक बि‍डेन का सवाल है तो वे मुसलमानों के पक्षधर रहे हैं, क्‍योंकि वे कश्मीरी मुसलमानों की तुलना बांग्लादेश के रोहिंग्या और चीन के वीगर मुसलमानों से कर चुके हैं। ऐसे में पाकिस्‍तानी मुसलमानों के लिए भी वे हमदर्दी रखते हैं।

ऐसे में कई मामलों में बि‍डेन का राष्‍ट्रपति बनना भारत के लिए थोड़ा शि‍कन देने वाला है और पाकिस्‍तान के लिए राहत लाने वाला है, हालांकि यह भविष्‍य में ही पता चल सकेगा कि अगर बि‍डेन अमेरि‍का के राष्‍ट्रपति बनते हैं तो वे इन अंतरराष्‍ट्रीय संबंधों को कैसे देखते हैं।

(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।)

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