श्रवण गर्ग ने कहा वर्तमान का दौर चुनौतियों से भरा हुआ है, इसीलिए आवश्यकता है अपनी सोच के माध्यम और तरीकों को बदलने की। राजेश बादल ने माना कि आज भले ही अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन जो साहस पूर्व में राजेंद्र माथुर जैसे मूर्धन्य संपादकों ने दिखाया है, ऐसे साहस की आवश्यकता है। इस मौके पर स्वराज समूह की प्रधान संपादक स्वाति काशिद, प्रबंध संपादक राखी शर्मा और संपादक कीर्ति राणा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया व आभार व्यक्त किया।