संकल्प पत्र जारी करते हुए अमित शाह ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्थर की लकीर होते हैं। केंद्र हो या राज्य, जब हमारी सरकार बनती है, तो हम हमारे संकल्पों को सिद्ध करते हैं। हमने इस संकल्प पत्र के माध्यम से महापुरुषों की परंपराओं और सांस्कृतिक विरासतों को आगे बढ़ाने का संकल्प भी रखा है। अराजकता फैलाकर विकास के नाम पर विफल राज्य देने वालों की विफलताओं से बोध लेकर मजबूत, समृद्ध और सुरक्षित महाराष्ट्र के लिए योजनाएं भी हमारे इस संकल्प पत्र में हैं।
उन्होंने कहा कि मैं उद्धव ठाकरे जी से पूछना चाहता हूं कि क्या वह कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से कह सकते हैं कि वह वीर सावरकर के लिए 2 शब्द बोल दें? क्या कांग्रेस का कोई नेता बाला साहब ठाकरे जी के सम्मान में 2 वाक्य बोल सकता है? अंतर्विरोध के बीच में अघाड़ी की सरकार बनाने का स्वप्न लेकर जो लोग निकले हैं, उन्हें महाराष्ट्र की जनता जान ले तो अच्छा होगा।
अमित शाह ने कहा कि अघाड़ी की सारी योजनाएं सत्ता की लालच में तुष्टिकरण की हैं, विचारधाराओं का अपमान करने वाली हैं और महाराष्ट्र की संस्कृति से छल करने वाली हैं।
उन्होंने कहा कि यह संकल्प पत्र महाराष्ट्र की जनता की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। महाराष्ट्र एक प्रकार से कई युगों से हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर रहा है। एक जमाने में जब जरूरत थी, तब भक्ति आंदोलन की शुरुआत भी महाराष्ट्र से हुई, गुलामी से मुक्ति का आंदोलन भी शिवाजी महाराज ने यहीं से शुरू हुआ, समाजिक क्रांति की शुरुआत भी यहीं से हुई है।
महाराष्ट्र में भाजपा के संकल्प पत्र की खास बातें...
-अमित शाह ने संकल्प पत्र को महाराष्ट्र की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब बताया।
-लाड़की बहनों को 1500 के स्थान पर 2100 रुपए देने का एलान। बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाकर 2100 करेगी भाजपा।
-संकल्प पत्र में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा।
-सत्ता में आने पर 5 साल में 25 लाख लोगों को रोजगार देगी भाजपा।
-छत्रपति शिवाजी महाराज आकांक्षा केंद्र शुरू करेगी पार्टी।