भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई में जहां कांग्रेस जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत कर प्रदेश में सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है वहीं दूसरी ओर कमलनाथ के विधानसभा चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने को लेकर एक नया सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर कमलनाथ के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का बयान वायरल होने के बाद अब कमलनाथ ने खुद आगे आकर स्पष्टीकरण दिया है।
आज शिवपुरी के पोहरी में मीडिया से चर्चा में कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वह चुनाव नहीं लडेंगे। कमलनाथ ने कहा कि मीडिया से स्थानीय लोगों को टिकट देने पर सवाल किया तो मैंने कहा कि मैं खुद छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ता हूं लेकिन मैं स्थानीय नहीं हूं। मेरा गांव छिंदवाड़ा के सौंसर विधानसभा में आता है और सौंसर के लोग कहते हैं कि आप छिंदवाड़ा जाकर चुनाव क्यों लड़ते है। इसलिए मैं इस बार तय करूंगा कि मैं कहां से लड़ूंगा।
वहीं कमलनाथ के चुनाव नहीं लड़ने के कथित बयान पर भाजपा ने तंज कसा है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरिएंट की तरह कांग्रेस में भी अलग-अलग लोग कमलनाथ पर अटैक कर रहे हैं। कमलनाथ को भी लग रहा कि अब पानी सर से ऊपर हो गया है। शायद इसी से पीड़ित होकर उन्होंने चुनाव लड़ने से मना किया होगा।
भावी के बाद अब अवश्यंभावी मुख्यमंत्री!- विधानसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर है, वहीं दूसरे ओर भले ही अभी मध्यप्रदेश में चुनाव में समय हो लेकिन कांग्रेस की ओर से कमलनाथ को पहले भावी और अब अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बताए जाने पर भी सियासत शुरु हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बताए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कमलनाथ कुछ कहते है उनकी आईटी सेल कुछ कहती है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कमलनाथ कहते हैं कि चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन उनकी आईटी सेल उन्हें अश्वयंभावी मुख्यमंत्री बताती है। भला अश्वयंभावी मुख्यमत्री क्या होता है। अब तक भूतपूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री देखे थे लेकिन अवश्यंभावी मुख्यमंत्री क्या होता है। भावी और अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बताना बौखलाहट को बताता है। वहीं कांग्रेस में गदर मचा हुआ है, कांग्रेस के एक नेता कह रहे कि अजय सिंह और अरुण यादव बच्चे है।