भोपाल। अपने लिए बेहतर कोविड-19 उपचार एवं एक साल की फीस माफी समेत अन्य मांगों को लेकर गुरुवार सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए मध्यप्रदेश के 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार से आश्वासन मिलने के बाद देर शाम यह हड़ताल समाप्त कर दी।
मध्यप्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) के अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा ने कहा कि मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग द्वारा हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने के बाद हमने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल बृहस्पतिवार शाम को ही समाप्त कर दी है।
उन्होंने कहा कि हम अपनी 6 मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे, जिनमें से सरकार ने 5 मांगों को मान लिया है। राज्य सरकार ने हमारी एक साल की फीस माफ करने वाली एक मांग नहीं मानी है।
वहीं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट किया कि जूडा के साथ आपातकालीन बैठक और चर्चा के बाद जूडा ने हड़ताल वापस ले ली। सरकार ने उनकी जायज़ मांगों को मानने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि हमने जूडा डॉक्टरों से कहा कि यह हड़ताल पर जाने का उचित समय नहीं है। मुझे प्रसन्नता है कि उन्होंने हमारी बात मान ली।
इससे पहले हड़ताल पर जाने के बाद गुरुवार दोपहर डॉ. मीणा ने कहा कि पिछले 6 महीने से हम अपनी समस्याओं के बारे में राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कर रहे थे। 3 मई को मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आश्वस्त किया था कि हमारी मांगें पूरी कर दी जाएंगी, लेकिन अब तक एक भी मांग पूरी नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि संबंधित 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर एवं रीवा में वर्तमान में करीब 3,000 जूनियर डॉक्टर हैं और इनमें से 15 से 20 प्रतिशत डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों का उपचार करने में लगाई गई है।
मीणा ने कहा कि 25 प्रतिशत जूनियर डॉक्टर कोरोनावायरस संक्रमित हो गए हैं। हम राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि अगर कोई जूनियर डॉक्टर कोविड-19 की चपेट में आए तो उसे अस्पताल में बिस्तर सुनिश्चित कराया जाए। (भाषा)