चुनाव में दिखी सिंधिया-पायलट की जिगरी दोस्ती,हमला तो दूर सिंधिया का नाम लेने से भी बचे पायलट

चुनावी सभाओं में सचिन पायलट ने नहीं लिया सिंधिया का एक बार भी नाम

विकास सिंह
मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020 (18:45 IST)
मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए अब चुनाव प्रचार का आखिरी दौर चल रहा है। चुनाव के आखिरी दौर में कांग्रेस के चुनावी कैंपेन को और धार देने के लिए अब राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी चुनावी रण में उतर आए है। मंगलवार को सचिन पायलट ने ग्वालियर चंबल में आने वाले शिवपुरी जिले के करैरा और पोहरी में और मुरैना जिले की जौरा में कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी सभाओं को संबोधित किया।
 
सिंधिया का नाम लेने ने बचे पायलट- ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके ‘घर’ में ही घेरने के लिए कांग्रेस ने सिंधिया के दोस्त और गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सचिन पायलट को ग्वालियर-चंबल में चुनावी कैंपेन में उतार तो दिया लेकिन अपनी सभाओं में सचिन पायलट ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला करने से बचते हुए दिखाई दिए।

अपने भाषण में सचिन पायलट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए कहा कि तीन कार्यकाल के बाद जब जनता ने भाजपा सरकार की विदाई कर दी तो फिर वह पिछले दरवाजे से आकर सत्ता में बैठ गए। सभा में एक बार भी सिंधिया का नाम नहीं लेने वाले सचिन पायलट ने बस इतना कहा कि यह उपचुनाव सत्य-असत्य, धर्म-अधर्म के बीच की लड़ाई वाला चुनाव है।
 
लोगों की मांग पर हटाया मास्क–मुरैना के जौरा में सचिन पायलट जब भाषण देने मंच पर आए तो उन्होंने मास्क लगाया हुआ था,जिस पर सभा में आए लोगों ने मास्क हाटकर भाषण देने की मांग की जिसके बाद सचिन ने लोगों से पार्टी के पक्ष में पहले नारा लगवाया फिर मास्क हटाया। सचिन पायलट ने पहले मास्क नहीं हटाने का कारण बताते हुए कहा कि  हुए कहा कि उन्होंने हजामत नहीं बनाई थी इसलिए मास्क नहीं हटा रहे थे।
 
सचिन पायलट को लाने की रणनीति पर सवाल- सचिन पायलट को उपचुनाव के चुनावी प्रचार में उतारने के पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति थी। सिंधिया और सचिन पायलट एक दूसरे के जिगरी दोस्त रहे हैं। पिछले दिनों पायलट ने जब राजस्थान में बगावती तेवर दिखाए थे जो सिंधिया ने उनके समर्थन में बयान दिया था। अब पायलट को सिंधिया के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारकर कांग्रेसी एक बड़े गेम प्लान के साथ चुनावी मैदान में जाना चाहती थी।

वहीं आज अपनी तीन चुनावी सभाओं में सचिन पायलट ने सिंधिया का नाम नहीं लेकर कांग्रेस की रणनीति को तगड़ा झटका दिया है। ग्वालियर-चंबल का जो इलाका राजस्थान से सटा हुआ हुआ है वहां सचिन पायलट के चेहरे को सिंधिया के सामने कांग्रेस भुनाना चाहती थी।

आज चुनाव प्रचार अभियान के पहले दिन सिंधिया ने जिस मुरैना जिले में चुनाव प्रचार किया,वहां की पांचों सीटें गुर्जर बाहुल्य वोटरों वाली है। ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि सचिन पायलट का चुनाव प्रचार करना यहां सिंधिया पर भारी पड़ सकता है लेकिन अब जब सचिन पायलट सिंधिया पर हमला करने की बात तो दूर उनका नाम नहीं ले रहे है तो इसके मायने एकदम साफ है और कांग्रेस की सचिन पायलट को चुनाव प्रचार में उतारने की रणनीति पर कहीं न कही सवाल उठने लगे है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Project Cheetah : प्रोजेक्ट चीता अच्छा काम कर रहा, NTCA ने जारी की रिपोर्ट

No Car Day : इंदौर 22 सितंबर को मनाएगा नो कार डे, प्रशासन ने नागरिकों से की यह अपील

LLB अंतिम वर्ष के छात्र भी दे सकेंगे AIBE की परीक्षा, Supreme Court ने BCI को दिए आदेश

फारूक अब्दुल्ला का PM मोदी पर पलटवार, कहा- वे उन लोगों के साथ खड़े जिन्हें पाक से मिलता है धन

बैठक के दौरान जब CM योगी ने पूछा, कहां हैं पूर्व सांसद लल्लू सिंह?

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : जब धरती में समा गया पूरा ट्रक, वीडियो देख रह जाएंगे दंग

Haryana Election : AAP के प्रचार अभियान में शामिल हुए अरविंद केजरीवाल, बोले- पूरा राज्य चाहता है परिवर्तन

Gaganyaan Mission को लेकर क्‍या है चुनौती, प्रक्षेपण से पहले ISRO चीफ ने दिया यह बयान

One Nation One Election : पूर्व CEC कुरैशी ने बताईं एक देश एक चुनाव की खूबियां और खामियां

महाराष्ट्र में MVA के बीच सीटों का बंटवारा, जानिए किसको मिलीं कितनी सीटें

अगला लेख
More