नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश के गाडरवाड़ा में सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उस समय अपने पेशे को लज्जित कर दिया, जब एक लड़की का पोस्टमार्टम खुले आसमान के नीचे कर दिया। इतना ही डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के दौरान आड़ करना भी उचित नहीं समझा।
दरअसल, गाडरवारा के महगुवांकला निवासी महेन्द्र दुबे की 14 वर्षीय बेटी आरती की रविवार शाम करंट लगने से मौत हो गई थी। उसे सिविल अस्पताल गाडरवाड़ा लाया गया था। पोस्टमार्टम के लिए रात भर उसका शव बाहर पड़ा रहा। जब इस संबंध में जानकारी इकट्ठी की गई तो पता चला कि मर्चुरी में गंदगी फैली है और वहां एक मरा हुआ ढोर पड़ा हुआ है, जिससे बदबू आ रही है।
इसके बाद डॉक्टरों ने सोमवार सुबह अस्पताल परिसर में ही खुले मैदान में उसका पोस्टमार्टम किया। किशोरी के परिजनों ने बताया कि उन्होंने डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों से कहा था कि वे धोती या साड़ी की आड़ कर बना देते हैं, जिससे शव ढंक जाएगा पर डॉक्टरों ने उनकी बात नहीं मानी और खुले में ही पोस्टमार्टम कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार किशोरी के परिजन डॉक्टरों से गिड़गिड़ाते रहे कि उसकी बेटी का पोस्टमार्टम करने के लिए कम से कम किसी कपड़े या धोती की आड़ तो बना देने लीजिए, लेकिन डॉक्टर नहीं माने और खुले में पोस्टमार्टम कर दिया। इस घटना से नाराज लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है, जिन्होंने इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।