मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में देश के महापुरुष और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मूर्ति के अपमान का मामला सामने आया है, जहां उनकी प्रतिमा को कबाड़ डालकर रखा गया है।
मामला जिले के हरपालपुर नगर का है। जहां देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की मूर्ति थाने में जब्त वाहनों कंडम वाहनों के बीच कबाड़ की तरह रखी हुई है। जानकारी के मुताबिक यह मूर्ति पूर्व में नगर के नेहरू गेट पर लगी थी, लेकिन एक हादसे (ट्रक द्वारा टक्कर) ने नेहरू गेट को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। और तबसे इसे थाने में इसी तरह रखा गया है। वर्ष 2015 में नेहरू गेट का पुनर्निमाण हो गया और वहां नई मूर्ति लगा दी गई, लेकिन पुरानी मूर्ति कबाड़ के बीच में रखी है।
सवाल यह है कि देश के पहले प्रधानमंत्री की मूर्ति को जब्तशुदा वाहनों के बीच में कबाड़ की स्थिति में क्यों रखा गया है। यह मूर्ति थोड़ी बहुत खंडित होने के कारण कहीं लगने लगाने योग्य भले न हो, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री की मूर्ति का इस तरह अपमान नहीं होना चाहिए। यह सब हो रहा है पुलिस थाने में ही।
उल्लेखनीय है कि 1955 में लक्ष्मणदास सर्राफ के परिवार ने नेहरू गेट बनवाकर उस पर पंडित नेहरू की मूर्ति स्थापित कराई थी, वहीं जहां एक ओर कांग्रेस का हर छोटा बड़ा नेता और एक-एक सिपाही खुद को गांधी-नेहरू परिवार का वफ़ादार कहते नहीं थकता तो वहीं दूसरी ओर अपनी पार्टी के शिखर पुरुष का यह हाल देख उनकी वफ़ादारी नहीं जागती। कांग्रेसी जानकर भी अनजान बने हुए हैं और ठंड में कथरी (रजाई) ओढ़कर सोए हुए हैं।