Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

MP में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू, CM शिवराज बोले- देगी कौशल और नागरिकता के संस्कार

हमें फॉलो करें MP में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू, CM शिवराज बोले- देगी कौशल और नागरिकता के संस्कार
, गुरुवार, 26 अगस्त 2021 (16:41 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आज कहा कि इस नवीन शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देगी।
 
चौहान ने आज यहां राज्यपाल मंगुभाई पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हम आज से मध्यप्रदेश में शुरू कर रहे हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हैं कि विद्यार्थियों के जीवन को बदलने वाली नई शिक्षा नीति उनके नेतृत्व में बनी।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकता के संस्कार होना बहुत जरूरी है। विद्यार्थियों को दिशा दे दी तो वे महान विद्वान बनेंगे, देश-प्रदेश और दुनिया की समृद्धि व विकास में योगदान देंगे। अगर दिशा गलत पकड़ ली तो समाज के लिए विनाशकारी होंगे। ये हमारी जिम्मेदारी है कि बच्चों में नागरिकता के संस्कार हों। उन्हें सही दिशा दी तो वह महान विद्वान बनेंगे, देश और प्रदेश के विकास में योगदान देंगे। अगर दिशा गलत पकड़ ली तो समाज के लिए विनाशकारी होंगे।

चौहान ने कहा कि अपने संसाधनों को, ज्ञान को शेयर करने की जरूरत है। वे विश्वविद्यालयों से आग्रह करेंगे कि उद्योगों के साथ मिलकर काम करें। उद्योगों की आवश्यकता समझते हुए छात्र तैयार करें। हर क्षेत्र से जुड़ें। ताकि शिक्षा को हम और उपयोगी और सार्थक बना सकें।

एक नये संकल्प के साथ हम आगे कदम बढ़ रहे हैं। वे सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में हम मध्यप्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों की पात में ले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति इस बात की अनुमति देती है कि छात्र फिजिक्स, केमेस्ट्री पढ़ते हुए भी हिंदी का विद्यवान बन सके, संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर सके, इतिहास का अध्ययन कर सके। शिक्षा एकांगी नही होती। ज्ञान का मतलब है संपूर्ण ज्ञान।

उन सभी विषयों का ज्ञान जो विद्यार्थी चाहते हैं। स्वामी विवेकानंद ने एक पंक्ति में शिक्षा का उद्देश्य बता दिया। शिक्षा वह है जो मनुष्य को मनुष्य बना दे। इसमें सारी चीजें अंतर्निहित हैं। इसके और विस्तार में जाये तो शिक्षा ऐसी हो जो ज्ञान दे, कौशल दे और नागरिकता के संस्कार भी दे। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Fact Check: UP के नाम से वायरल हो रही MP की गड्ढों वाली सड़क की तस्‍वीर