उपचुनाव के रण में उतरी सिंधिया-शिवराज की जोड़ी, हाटपिपल्या से चुनावी शंखनाद !
मुख्यमंत्री ने बागली को जिला बनाने का किया एलान
मध्यप्रदेश में उपचुनाव की तारीखों के एलान से पहले ही सियासी दलों ने अपने चुनाव प्रचार का शंखनाद कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी के जन्मदिन पर हाटपिपल्या में उनकी प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम के जरिए भाजपा ने चुनावी बिगुल फूंक दिया। इस मौके पर हुए कार्यक्रम में शिवराज और सिंधिया ने पहली बार भोपाल से बाहर किसी मंच पर एक साथ पिछली कमलनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उपचुनाव वाली हाटपिपल्या विधासभा सीट के मेला ग्राउंड में हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की जनता को धोखा दिया। कांग्रेस सरकार ने 15 महीनों में ना तो किसानों की कर्जमाफी की और ना बेरोजगारों को भत्ता दिया। कांग्रेस सरकार ने तो फसल बीमा की प्रीमियम भी जमा नहीं की थी, जिसे शिवराज सिंह की सरकार ने आने के बाद जमा किया। कार्यक्रम में सिंधिया मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का तारीफ करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि जनसेवक हैं। उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश एक बार फिर विकास के रास्ते पर है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोरोना काल के चलते वह 90 दिन तक चुप रहे है और कांग्रेस इस दौरान सियासी रोटियां सेंकती रही। सिंधिया ने कहा कि अब कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को जवाब देने लिए वह मैदान में आ गए है।
बागली को जिला बनाने की घोषणा – कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बागली को जिला बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि बागली जिला बने यह स्वर्गीय कैलाश जोशी की इच्छा और आज उनके जन्मदिन पर मैं बागली को जिला बनाने का एलान करता हूं।
कार्यक्रम में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि बीच में 15 महीने के लिए भाजपा सरकार नहीं रही। इन 15 महीनों में कमलनाथ सरकार ने प्रदेश का सत्यानाश कर दिया। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने वल्लभ भवन को लूट का अड्डा बना दिया। इन्होंने गरीबों के हित वाली सारी योजनाएं बंद कर दी। बच्चों की फीस भरना बंद कर दिया, संबल योजना बंद कर दी। गरीब महिलाओं को प्रसव के लिए मिलने वाले पैसे भी खा गए। कमलनाथ सरकार गरीबों को अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले 5000 रुपये भी खा गई। बच्चों के लैपटॉप और साइकिल खा गए। कर्ज माफी के नाम पर इस सरकार ने प्रदेश की जनता और किसानों से धोखा किया।
चुनाव से पहले कांग्रेस ने कहा था हर किसान का चालू और कालातीत कर्ज माफ किया जाएगा, लेकिन कर्ज माफी के लिए सिर्फ 6000 करोड़ दिए। इनकी झूठी कर्ज माफी के जाल में फंस कर कई किसान डिफाल्टर हो गए और अब उन पर ब्याज चढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह कमलनाथ सरकार नहीं, किसानों की सरकार है और किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके सिर पर ब्याज की जो गठरी कमलनाथ ने रखी है, उसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार उतारे।