भोपाल। मध्यप्रदेश में कई जिलों में भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। भोपाल से मंदसौर तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। नदियां उफान पर है। भोपाल समेत कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। नर्मदापुरम में नर्मदा खतरे के निशान से महज दो फीट नीचे बह रही है। वहीं मंदसौर में शिवना नदी उफान पर है। पशुपतिनाथ मंदिर तक पानी आ गया है। बालाघाट में बाढ़ में फंसे 150 का रेस्क्यू किया गया।
भोपाल संभाग, नर्मदापुरम संभाग और जबलपुर संभाग के सभी जिलों तथा गुना, शिवपुरी, सागर और देवास में अधिक वर्षा को देखते हुए बरगी डैम के 21 में से 13 गेट आज 3 बजे खोल दिए गए हैं। विगत 2 दिन के अंतराल में ही मंडला, डिंडोरी तथा अन्य ज़िलों में अत्यधिक बारिश से बरगी डैम 57% से 89% भर गया। तवा डैम के 13 में से 13 गेट (8610 cumecs डिस्चार्ज) और बारना के 8 में से 6 गेट (1700 cumecs डिस्चार्ज) पहले से चालू हैं।
भोपाल, नर्मदापुरम, छतरपुर, नरसिंहपुर, खरगोन, राजगढ़ आदि जिलों में बाढ़ की स्थिति दिखाई दे रही है। छतरपुर का जटाशंकर धाम पानी में डूब गया। नरसिंहपुर में बाढ़ में फंसे 10 लोगों का रेस्क्यू किया गया।
नर्मदापुरम जिले में भारी बारिश और डैम से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण नर्मदा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यहां नर्मदा का जलस्तर 962 फिट पहुंच गया, जो खतरे के निशान से मात्र 2 फीट कम है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए यहां हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है।
खरगोन जिले में भी भारी बारिश की वजह से सड़के लबालब नजर आ रही है। घरों और दुकानों में पानी घुसने की वजह से आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। राजगढ़ जिले में भी भारी बारिश की वजह से आस पास के नदी-नाले उफान पर होने से कई गांवों के मार्ग बंद हो गए हैं।
मंदसौर में देर रात हुई तेज बारिश की वजह से निचली बस्तियों में पानी घुस गया। शिवना नदी का पानी पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भ गृह में घुस गया। यहां भी प्रशासन अलर्ट मोड पर है।