मध्यप्रदेश का राजनीतिक महासंग्राम जारी, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Webdunia
बुधवार, 18 मार्च 2020 (11:53 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले 2 सप्ताह से चल रहा राजनीतिक महासंग्राम अभी भी जारी है और अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट चल रही सुनवाई पर टिकी हुई हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। मध्यप्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम का अपडेट-
 
- होटल में रुके सभी कांग्रेस विधायक जाएंगे राजभवन। बेंगलुरु में बंधक बनाए गए विधायकों को छुड़वाने की मांग करेंगे।
 
- बेंगलुरु पुलिस स्टेशन में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया है? जब तक मैं विधायकों से मिल नहीं लेता, मैं यहां से नहीं जाऊंगा। सरकार भी बचाएंगे और अपने विधायकों को भी वापस लाएंगे। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं और मैंने किसी कानून को नहीं तोड़ा है।
 
- बेंगलुरु में मौजूद विधायकों और पूर्व विधायकों के वीडियो आज फिर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहे हैं जिसमें ये नेता कह रहे हैं कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जाने और अपने त्यागपत्र पर अडिग हैं। ये नेता कहते हुए सुने गए कि वे दिग्विजय सिंह से मिलना नहीं चाहते हैं और वे अपने दलबल समेत वापस लौट जाएं।
 
- मध्यप्रदेश में जारी सियासी संग्राम के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर कांग्रेस विधायकों को बेंगलुरु में बंधक बनाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों से मिलने से रोकने के लिए तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं भी बेंगलुरु जाऊंगा।
 
- कांग्रेस विधायकों को भोपाल में एक होटल में सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच रुकवाया गया है, तो भाजपा के 100 से अधिक विधायक भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर दूर सीहोर के पास एक होटल में रुके हुए हैं।
 
- दूसरी ओर राज्यपाल लालजी टंडन ने मंगलवार रात 2 बजे बात विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को पत्र लिखकर कुछ घंटे पहले प्रजापति द्वारा लिखे गए पत्र का जवाब दिया। इसके पूर्व राज्यपाल और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच भी 2 बार पत्राचार हो गया है। राज्यपाल ने कमलनाथ से सदन में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं।
 
- भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के अल्पमत सरकार की कैबिनेट जो भी फैसले लेगी, वह मान्य नहीं होगी। अगली सरकार सभी फैसलों की समीक्षा करेगी।
 
- सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश मामले में कांग्रेस के 16 बागी विधायकों में से एक विधायक के भाई की याचिका पर बुधवार को सुनवाई से इंकार कर दिया। कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी के भाई बलराम चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर मनोज को पेश करने और रिहा करने की मांग की है।

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