भोपाल। मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन पर भी कोरोना का साया नजर आ रहा है। 20 मार्च को सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफा देने के चार दिन बाद भी अब तक नई सरकार के गठन को लेकर पिक्चर साफ नहीं हो पाई है। नए मुख्यमंत्री को चुनने के लिए आज भोपाल में पार्टी विधायक दल की बैठक होने जा रही है। कोरोना के चलते प्रशासन ने भोपाल में 31 मार्च तक लॉकडाउन का एलान कर दिया तब उससे पहले शपथग्रहण समारोह को लेकर भी संशय खड़ा हो गया है।
वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर राकेश पाठक ने कोरोना के चलते नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राज्यपाल लालजी टंडन को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि मंत्रिमंडल का शपथ समारोह सादा और समिति तरीके से आयोजित किया जाए। वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर राकेश पाठक कहते हैं कि उनके पत्र लिखने के कुछ देर बाद ही राजभवन कार्यालय की तरफ से उनसे संपर्क किया गया और खुद राज्यपाल ने उन्हें आश्वास्त किया कि मेरे पत्र की भावना और माननीय प्रधानमंत्री के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए शपथ ग्रहण समारोह समिति और सादा किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि जब भी शपथ ग्रहण होगा तब भी इन सुझावों का पूरी तरह पालन किया जाएगा और इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दे दिए है।
उधर नई सरकार के गठन के गठन को लेकर मध्यप्रदेश के पार्टी प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे का कहना हैं कि बहुत जल्द मध्यप्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा। मीडिया से बात करते हुए सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि जल्द ही भाजपा विधायक दल की बैठक होगी जिसमें नए नेता का चुनाव होगा।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का चौथी बार मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा है। पार्टी के अधिकांश विधायक शिवराज को ही मुख्यमंत्री बनना देखना चाह रहे है। वेबदुनिया से बातचीत में सीनियर विधायक अरविंद भदौरिया ने भी इसके संकेत दिए थे। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी सियासी गलियारों में तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही नई सरकार में किन विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिलेगा इसको लेकर अब चर्चा का दौर भी तेज हो गया है।
मध्यप्रदेश में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 25 मार्च को गुड़ी पड़वा के दिन हो सकता है। अगर कोरोना को लेकर प्रदेश में हालात और बिगड़ते है तो यह शपथ ग्रहण समारोह और आगे भी बढ़ाया जा सकता है।