Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

निकाय चुनाव में छोटे शहरों में लाभार्थी वर्ग भाजपा का नया वोट बैंक, नगर पालिका और नगर परिषद में दिलाई बंपर जीत

7 नगर निगम में महापौर चुनाव हराने वाली भाजपा को निगम परिषद में हासिल हुई बढ़त

हमें फॉलो करें निकाय चुनाव में छोटे शहरों में लाभार्थी वर्ग भाजपा का नया वोट बैंक, नगर पालिका और नगर परिषद में दिलाई बंपर जीत
webdunia

विकास सिंह

, गुरुवार, 21 जुलाई 2022 (15:00 IST)
भोपाल। सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देखे गए मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम काफी रोचक और चौंकाने वाले रहे है। नगरीय निकाय चुनाव के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर निकाय चुनाव के परिणाम किसी पार्टी के पक्ष में गए।

अगर प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव का विश्लेषण करे तो सत्तारूढ़ भाजपा भले ही 7 नगर निगमों में महापौर बनाने से चूक गई हो लेकिन भाजपा को नगर परिषद औऱ नगर पालिका में बड़ी जीत मिली है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा जिले की तीनों नगर पालिकाओं (अमरवाडा, चौरई और परासिया) में भी भाजपा जीती है।

नगर पालिकाओं में BJP की बड़ी जीत-अगर चुनाव नतीजों के आंकड़ें को देखे तो 76 नगर पालिका में 50 में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है। वहीं भाजपा का दावा है कि वह 15 नगर पालिका में अपना अध्यक्ष चुनेगी। भाजपा नेता दावा कर रहे है कि वह 76 नगर पालिकाओं में से 65 पर अपना अध्यक्ष बनाने जा रही है। वहीं कांग्रेस के खाते में कुल 11 नगर पालिका आई है। वहीं प्रदेश की 76 नगरपालिकाओं के 1795 वार्डों में से 975 वार्डों में भाजपा पार्षदों को जीत हासिल हुई है। वहीं 571 स्थानों पर कांग्रेस और 249 पर अन्य दलों के और निर्दलीयों की जीत हुई है। 

नगर परिषद में भी भाजपा का डंका-वहीं अगर प्रदेश की कुल 255 नगर परिषद में से 185 में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है। वहीं भाजपा का दावा है कि वह 46 अन्य नगर परिषद में भी अपना अध्यक्ष बनाएगी। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 24 नगर परिषद में जीत मिली है।

इसके साथ भाजपा को जिन जिलों में महापौर चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है उन जिलों में भाजपा नगर परिषद के चुनाव में जीती है। जबलपुर में कांग्रेस का महापौर चुना गया है लेकिन 8 में से 6 नगर परिषद में भाजपा विजयी हुई है। वहीं मुरैना में 5 में से 4 नगर परिषद में भाजपा विजयी हुई है। इसके साथ रीवा में 12 में से 11 नगर परिषद में भाजपा विजयी हुई है। कटनी में 3 नगर परिषद में से 3 में भाजपा विजयी हुई है।

महापौर कांग्रेस का,निगम परिषद भाजपा की- वहीं भाजपा जिन नगर निगमों में महापौर का  चुनाव हारी वहां पर वह परिषद में जीती है। यानि पार्षद भाजपा के ज्यादा चुने गए है। आंकड़ों का विश्लेषण करे तो मिलता है कि रीवा में महापौर कांग्रेस का चुनाव गया है लेकिन 18 पार्षद भाजपा चुने गए है। वहीं कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 16 कांग्रेस और  11 अन्य निर्दलीय है। वहीं जबलपुर में 79 में से 39 भाजपा और कांग्रेस के केवल 30 पार्षद जीते है। वहीं सिंगरौली में 45 में से 23 भाजपा और कांग्रेस के केवल 13 पार्षद है। वहीं कटनी नगर निगम के 45 वार्डों में से भाजपा के 27 व कांग्रेस, 15 व 3 अन्य पार्षद जीते है।

अगर प्रदेश के 16 नगर निगम के चुनाव का विश्लेषण करे तो 884 वार्डों में से 491 वार्डो में भाजपा विजयी रही। कांग्रेस उम्मीदवार 274 वार्ड और अन्य पर 109 वार्ड में जीत मिली है।
 
छोटे शहरों में लाभार्थी वर्ग भाजपा का वोटबैंक- नगर निगम के वार्ड पार्षद के साथ नगर पालिका और नगर परिषद में भाजपा की जीत का बड़ा कारण लाभार्थी योजना माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते है कि निकाय चुनाव में भाजपा को केंद्र और राज्य  सरकार की लाभार्थी योजनाओं का फायदा मिलता दिख रहा है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं कि नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत ‌चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत इस बात का प्रमाण है कि केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के गरीब और वंचित वर्ग और किसानों को मिला है और जनता भाजपा के साथ है।

वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा नगर परिषद और नगर पालिका में भाजपा की जीत को देश के इतिहास में किसी प्रदेश में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत बताते है। वह कहते हैं कि नगर पालिका में 90 फीसदी और नगर परिषद में भाजपा का जीत का प्रतिशत 85 फीसदी रहा है जो अपने आप में रिकॉर्ड है।   
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अखिलेश ने किया तंज, क्या अब दूध-दही से जुड़े मुहावरों पर भी लगेगा जीएसटी?