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जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का...भाजपा दफ्तर में उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

लॉकडाउन में राजनीतिक आयोजन बैन फिर भी 200 कार्यकर्ताओं ने ली भाजपा की सदस्यता

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विकास सिंह

, रविवार, 24 मई 2020 (10:10 IST)
भोपाल। जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का...अपने ये कहावत अक्सर सुनी होगी...लेकिन कोरोना संकट काल में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय में ये कहावत पूरी तरह चरितार्थ होती दिखी। 

कोरोना के रेड जोन भोपाल में वैसे तो आम आदमी को प्रशासन बाखूबी सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ा रहा हो, लॉकडाउन के नियमों को उल्लंघन करने पर उसके खिलाफ FIR  दर्ज की जा रही है। लेकिन प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में  सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई और प्रशासन मौन होकर देखता रहा।  
 
लॉकडाउन में किसी तरह के राजनीतिक आयोजन पर गृहमंत्रालय और मध्यप्रदेश सरकार ने पाबंदी लगा रखी तो दूसरी ओर भाजपा दफ्तर में रायसेन के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। खास बात ये है कार्यक्रम में खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत कई बड़े नेता उपस्थिति थे। इन बड़े नेताओं की मौजदूगी में रायसेन जिले के 200 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। 
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पार्टी कार्यालय में एक साथ 200 से अधिक लोगों को जुटना और उनका सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ठेंगा दिखाकर मंच पर ग्रुप फोटो खींचना क्या सही था। दरअसल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए प्रभुराम चौधरी अपने 200 से अधिक सर्मथकों के साथ प्रदेश भाजपा दफ्तर पहुंचे। सदस्यता कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम तार-तार हो गए। इस दौरान मंच पर एक साथ कार्यकर्ता अपने नेताओं के साथ फोटो खींचाते हुए दिखे तो कार्यक्रम में कई कार्यकर्ता बिना मास्क लगाए नजर आए। 
 
सवाल के घेरे में भाजपा के साथ-साथ भोपाल और रायसेन जिला प्रशासन भी है। भोपाल कोरोना के रेड जोन में आते है और ग्रीन जोन से  आने वालों को ई-पास की जरुरत होती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि एक राजनीतिक कार्यक्रम के लिए किस आधार पर रायसेन जिला प्रशासन ने इतनी बड़ी संख्या में ई-पास जारी कर दिया। इतना ही नहीं ई-पास जारी करने की जो व्यवस्था ऑनलाइन है उसको मैन्युवल तरीके से जारी किया गया। 
 
वहीं जब इस बारे प्रभुराम चौधरी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में सोशल डिस्स्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह पालन किया गया।

कांग्रेस ने साधा निशाना- वहीं प्रदेश भाजपा दफ्तर में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को धज्जियां उड़ने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि क्या मोदी जी के लॉकडाउन के नियम सिर्फ गरीबों, आमजन के लिए है। आपकी पार्टी के नेताओं पर यह नियम लागू नहीं होते है। क्या इसके दोषियों पर आमजन की तरह कार्यवाही होगी।  
 
 

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