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इशारों-इशारों में कमलनाथ के मंत्री उमंग सिंघार का दिग्विजय पर तंज, सरकार सुरक्षित राज्यसभा में जाने की लड़ाई

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विकास सिंह

, बुधवार, 4 मार्च 2020 (16:25 IST)
मध्य प्रदेश में भाजपा के द्धारा कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त और विधायकों के बंधक बनाए जाने की सियासत के बीच अब कांग्रेस के अंदर ही गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है।  विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप भाजपा पर लगाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर अब सरकार के वरिष्ठ मंत्री उमंग सिंघार ने इशारों ही इशारों में बड़ा तंज कसा है।

सुबह से जारी सियासी घटनाक्रम के बीच मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि माननीय कमलनाथ जी की सरकार पूर्ण रूप से सुरक्षित है, यह राज्यसभा में जाने की लड़ाई है,बाकी आप सब समझदार है।
 
उमंग सिंघार का यह ट्वीट ऐसे समय सामने आया है जब भाजपा खुद सरकार गिराने की अपनी किसी भी भूमिका से इंकार कर चुकी है। वैसे मध्य प्रदेश की सियासत में उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह पहले भी आमने सामने आ चुके है और पूरा मामला पार्टी आलाकमान तक पहुंच चुका था।  
 
 
अपनों के निशाने पर पार्टी – मध्य कांग्रेस विधायकों के बंधक बनाए जाने और भाजपा के संपर्क में होने की खबरों के बीच पार्टी में बड़े नेताओं ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठा दिए है। राज्यसभा सांसद और पार्टी के सीनियर नेता विवेक तनखा और कांग्रेस संजय यादव ने इसके पीछे विधायकों में अंसतोष को बड़ी वजह बताते हुए अपनी ही पार्टी और सरकार पर निशाना साधा है।  
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राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने कहा कि अब समय आ गया है कि विधायकों के अंसतोष को दूर किया जाए। इतना ही नहीं विवेक तनखा ने विधायकों के असंतोष के लिए पार्टी के पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष नहीं होने को बड़ा कारण बताया। विवेक तनखा ने कहा कि उनको पहले से ही पता था कि भाजपा इन कोशिशों में लगी हुई है और मंगलवार रात जो कुछ हुआ उसके बाद अब यह जरुरी हो गया है कि अब विधायकों के अंसतोष को दूर किया जाए और पार्टी चुनाव के समय जनता से किए अपने वादों को पूरा करें। 
 
विवेक तनखा ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष होता तो वह कई चीजें को खुद हैंडल कर लेता। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था जो कांग्रेस दफ्तर में बैठक चीजों को हल कर सके और विधायकों की बात को आगे रख सकती है।

विवेक तनखा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही आलाकमान से प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कह चुके है और उनको लगता है कि अब पार्टी आलाकमान इस बारे में जल्द ही बड़ा निर्णय लेगी। 

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