भोपाल। मध्य प्रदेश में अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकार के निशाने पर आ गए हैं। शिवराज सरकार के समय नर्मदा किनारे एक दिन में सात करोड़ पौधारोपण कर गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज कराने के मामले को लेकर सरकार ने अब जांच करने का फैसला किया है। प्रदेश के वनमंत्री उमंग सिंघार के मुताबिक शिवराज सरकार के समय प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे एक दिन में 7 करोड़ पौधे लगाने का जो कार्यक्रम किया था उसमें बड़े पैमाने पर भष्टाचार हुआ।
वनमंत्री ने कहा कि पौधारोपण में 450 करोड़ का आर्थिक घोटाला किया गया। वनमंत्री के मुताबिक इस पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार सहित अन्य अफसरों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। वनमंत्री ने कहा कि इस पूरे भष्टाचार में पेड़ों की कीमत से लेकर गड्डे खोदने तक में जमकर भष्टाचार किया गया।
वनमंत्री ने दावा किया कि पौधारोपण के लिए 20 रुपए के पौधों को 200 रुपए से ज्यादा की कीमत में खरीदा गया। पूरे मामले की जांच के लिए वनमंत्री ने ईओडब्ल्यू को पत्र लिखा है। वनमंत्री के मुताबिक, कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वादा किया था कि जो भी आर्थिक घोटाला तत्कालीन सरकार ने किया है उसकी जांच की जाएगी, पौधारोपण घोटाले की जांच उसी का एक हिस्सा है।
शिवराज का पलटवार : अपने खिलाफ पौधारोपण मामले में ईओडब्ल्यू की जांच को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वनमंत्री पर बड़ा पलटवार किया है। शिवराज ने कहा कि पहले वनमंत्री ने अपने ही पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह पर जो आरोप लगाए थे उसकी जांच कराए। शिवराज ने वनमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि उनको जो जांच करानी है, वह करा लें। इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस में जारी अंतर्कलह को लेकर जमकर तंज कसा है। शिवराज ने कहा कि पहले यह साफ हो कि सरकार कौन चला रहा है।