भोपाल। नेपानगर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनी सुमित्रा कासडेकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के 6 घंटे के अंदर भाजपा में शामिल हो गई हैं। पार्टी के प्रदेश कार्यालय पं. दीनदयाल परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने उन्हें पार्टी का दुपट्टा पहनाकर विधिवत पार्टी में शामिल किया।
इस मौके पर कासडेकर ने कहा कि कांग्रेस ने विकास के कामों में रुचि नहीं ली और हमेशा उनकी उपेक्षा की। क्षेत्र के विकास के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रही हैं।
विधायकों से मिलते नहीं थे कमलनाथ : भाजपा में शामिल होते ही सुमित्रा कासडेकर ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस की 15 महीने की सरकार थी, तब विधायक होने के नाते क्षेत्र के विकास को लेकर मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने भोपाल जाती थी लेकिन मुख्यमंत्री को विधायकों से मिलने की फुरसत ही नहीं होती थी। क्षेत्र में विकास कार्य ठप्प थे। हमारी कोई सुनवाई नहीं होती थी।
कासडेकर ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मेरे साथ उपेक्षा का व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए ही मैंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
कांग्रेस डूबता हुआ सूरज : सदस्यता ग्रहण समारोह में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी विकास के मंत्र को लेकर चल रही है और अब हम सब मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जनप्रतिनिधियों का दम घुट रहा था, क्योंकि विकास कार्य ठप थे। जनता का कल्याण और क्षेत्र के विकास की तड़प उनके मन में रही है, कांग्रेस डूबता हुआ सूरज है। इसमें वर्षों से एक ही परिवार का नेतृत्व रहा है। एक नेता अध्यक्ष, सीएम और नेता प्रतिपक्ष सभी पदों पर कब्जा जमाते हैं। विकास और जनकल्याण भारतीय जनता पार्टी सरकार की प्राथमिकता रही है और सुमित्रा देवी कासडेकर ने क्षेत्र के विकास को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दल न होकर परिवार है और सुमित्रा देवी कासडेकर ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर जिस भावना और संकल्प के साथ भाजपा की सदस्यता ली है, उस भावना का इस परिवार में सदैव सम्मान किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के 15 महीने के कुशासन से जनप्रतिनिधि त्रस्त थे। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने प्रदेश को गर्त में ले जाने का काम किया। जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र के विकास के लिए जो कल्पना की थी, उसे कांग्रेस सरकार ने पूरा नहीं किया, जिससे जनप्रतिनिधियों का कांग्रेस से मोह भंग होता गया।