छतरपुर जिले में बेटे की चाह में 5 बेटियां पैदा हो गईं, बेटे की आस पूरी नहीं हुई तो पति ने मासूम बेटियों के साथ महिला को घर से निकाल दिया। अब यह पीड़ित मां अपनी बच्चियों के साथ न्याय के लिए सरकारी अधिकारियों की चौखट पर दस्तक दे रही है।
बेटियों को लेकर जनसुनवाई में पहुंची महिला कलेक्टर के नहीं मिलने पर एसडीएम से रो-रोकर अपनी फरियाद सुनाई, लेकिन एसडीएम केके पाठक महिला को देखकर बिना समस्या सुने वहां से चले गए। हद तो तब हो गई जब एसडीएम ने एक वकील से यह भी कह दिया इसे अपने घर में रख लो।
पीड़ित महिला अपने बच्चों को लेकर जनसुनवाई पहुंची थी, जहां पर एसडीएम केके पाठक के पास पहुंचकर अपनी समस्या सुनाने लगी। पाठक महिला की समस्या सुने बगैर और बिना आवेदन लिए वहां से चलते बने। महिला पीछे-पीछे रोते हुए अपने बच्चों को हाथ पकड़कर खींचते हुए एसडीएम के पीछे पीछे गई, लेकिन इसके बाद भी एसडीएम ने उस महिला की फरियाद नहीं सुनी। महिला ने बताया कि उसकी सबसे बड़ी बेटी 10 साल की है।
महिला इसके बाद एसपी ऑफिस पहुंची जहां पर एएसपी जयराज कुबेर को बताया कि 5 बेटियां होने पर उसके पति ने उसे घर से निकाल दिया। एएसपी कुबेर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत नौगांव टीआई को फोन कर पति पर सख्त कार्रवाई के निर्देश निर्देश दिए। कुबेर ने पुलिस लाइन से गाड़ी बुलाकर महिला को नौगांव भेजा।
जानकारी के अनुसार छतरपुर नरसिंहगढ़पुरवा निवासी युवती मनोज कुशवाहा की शादी 12 साल पहले नौगांव थाना क्षेत्र के लहेरापुरवा में भज्जू उर्फ हरलाल के साथ हुई थी, कुशवाहा ने बताया कि शादी के बाद उसे 6 बेटियां हुईं जिसमें एक बेटी की मृत्यु हो गई। पांच बेटियां उसके साथ हैं। बेटा ना होने पर पति ने उसे घर से निकाल दिया। पति अब दूसरी शादी करना चाहता है।
महिला ने रोते हुए बताया कि उसे पांच बेटियां हुई हैं, उसमें उसका क्या कुसूर उसके पास एक भी पैसा नहीं है। पांचों बेटियों को लेकर अब वह कहां जाए।