भोपाल। यहां भोपाल रेलवे स्टेशन पर 12 वर्षीय एक लावारिस बच्ची चार माह की गर्भवती मिली है। वह भोपाल रेलवे स्टेशन पर पिछले कुछ महीनों से भीख मांगकर गुजारा करती थी और चार दरिंदों ने रेलवे स्टेशन के पास ही एक पुराने मकान में उसके साथ कथित रूप से ज्यादती की, जिससे वह गर्भवती हो गई।
पुलिस अधीक्षक रेल (भोपाल) रुचि वर्धन मिश्रा ने बुधवार को को बताया, भोपाल रेलवे स्टेशन पर तीन नवंबर को एक बच्ची मिली है। यह बच्ची गर्भवती है। उन्होंने कहा कि उसे शहर के सरकारी जनाना अस्पताल सुल्तानिया में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति ठीक है।
रुचि ने बताया कि इस बच्ची ने पुलिस को बताया कि वह कुछ महीनों से भोपाल रेलवे स्टेशन पर ही भीख मांगकर गुजारा करती थी और इसी दौरान चार दरिंदों ने उसके साथ सुनसान इलाके में दुष्कर्म किया। वह इन आरोपियों को पहचानती है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपी भोपाल रेलवे स्टेशन इलाके के रहने वाले हैं और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इसी बीच, एक्शन एड इंडिया की रीजनल मैनेजर एवं गौरवी केन्द्र की प्रभारी सारिका सिन्हा ने बताया, रेलवे चाइल्ड लाइन से जुड़ा संजीव जोशी नाम का व्यक्ति इस बच्ची को तीन नवंबर की शाम को छह बजे के आसपास हमारे भोपाल स्थित जेपी अस्पताल के गौरवी केन्द्र में लाया था और उसी दिन रात को 10 बजे वह उसे हमारे केन्द्र से वापस ले गया था। गौरवी ‘वन स्टाफ क्राइसिस सेंटर’ है और इसमें महिलाओं के उत्पीड़न से जुड़े मामलों की काउंसिलिंग की जाती है।
सारिका ने कहा, जब यह बच्ची गौरवी केन्द्र में लाई गई थी, तब वह बहुत ज्यादा परेशान एवं बेचैन थी। उसका पहले ही मेडिकल हो चुका था, जिसमें वह चार माह की गर्भवती पाई गई है। इसलिए हमने उसका दुबारा मेडिकल नहीं किया। गौरवी केन्द्र पर इस बच्ची की उचित देखरेख एवं आश्रय न देने के आरोप लगाए जा रहे हैं, जो बिलकुल गलत हैं।
उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि गौरवी केन्द्र के आवेदन पर ही जीआरपी थाने में इस बच्ची के साथ हुए बलात्कार की एफआईआर दर्ज की गई है। सारिका ने बताया, हमने इस बच्ची को करीब चार घंटे अपने पास रखा, उसे खाना खिलाया, उसकी काउंसिलिंग की, लेकिन ‘रेलवे चाइल्ड लाइन’ के जो लोग उसे लाए थे, वे ही उसे उसी रात वापस ले गए।
उन्होंने कहा कि पीड़िता के अनुसार, वह जबलपुर रेलवे स्टेशन के पास की रहने वाली है। वह वहां एक झुग्गी में अपने माता-पिता के साथ रहती थी और कुछ महीने पहले ट्रेन में बैठकर अकेली भोपाल आ गई थी। तब से वह भोपाल रेलवे स्टेशन पर ही भीख मांगकर गुजारा करती थी। सारिका ने बताया कि पीड़िता ने रेलवे पुलिस को बताया है कि उसके साथ चार लोगों ने पिछले कुछ महीनों में दुष्कर्म किया।
इसी बीच, कल शाम पीड़िता से मिलने सुल्तानिया जनाना अस्पताल गई मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने गौरवी केन्द्र एवं अन्य एजेंसियों पर इस बच्ची को आश्रय एवं उचित मदद न देने के लगे आरोपों की जांच कराने का आदेश दिया है। चिटनिस ने कहा कि इस बच्ची के इलाज में जो भी खर्च आएगा, उसका वहन मध्यप्रदेश सरकार करेगी। इसके अलावा, पीड़िता की शिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। (भाषा)