छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में बिना रोशनदान वाले अपने कमरे को गर्म रखने के लिए कोयले के चूल्हे को जलाए रखने पर ऑक्सीजन का स्तर घटने से कम से कम 2 मजदूरों की मौत हो गई और 3 अन्य बीमार पड़ गए। एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यह घटना छतरपुर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर नौगांव शहर में एक 'डिस्टिलरी' इकाई में हुई।
उन्होंने बताया कि सभी 5 मजदूर बिहार के रहने वाले थे और बिना रोशनदान वाले कमरे में रह रहे थे। अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) पी. चंचलेश मरकाम ने बताया कि पुलिस को मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे सूचना मिली कि 5 मजदूर अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। पुलिस टीम को कमरे के अंदर प्रवेश करने के लिए दरवाजा तोड़ना पड़ा। सभी 5 मजदूर बेहोश पाए गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से 2 को मृत घोषित कर दिया गया जबकि 3 अन्य को आगे के इलाज के लिए छतरपुर रेफर कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया दोनों की मौत दम घुटने से हुई, क्योंकि उनके कमरे में कोई रोशनदान नहीं था और एक कोयले का स्टोव भी मिला, जो शायद रात में जल रहा था। पुलिस के अनुसार मामले की जांच चल रही है।
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (नौगांव) वीरेंद्र भदौरिया ने कहा कि 5 लोगों को अस्पताल लाया गया था। उन्होंने कहा कि उनमें से 2 की मौत हो गई थी। उनकी मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद स्पष्ट होगा। जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि 3 मजदूरों के रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम पाया गया है लेकिन उनकी हालत में अब सुधार हो रहा है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta