Madhya Pradesh Political News:मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) में कांग्रेस (Congress) ने पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल को अपना मुख्य चुनावी हथियार बनाने जा रही है। इसके साथ कांग्रेस जल्द ही प्रदेश की जनता के सामने पांच गारंटी का एलान कर चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारी में है। दरअसल हिमाचल और कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने विनिंग फॉर्मूले को अब मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस लागू करने जा रही है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस में स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ने के साथ सरकार आने पर 5 गांरटी को भी लागू करने का वाद वोट बैंक को अपनी ओर जोड़ने की तैयारी में है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के चुनावी प्रचार का शंखनाद करने 12 फरवरी को जबलपुर आ रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने चुनावी भाषण में कांग्रेस की पांच गारंटी का एलान कर सकती है। जबलपुर में प्रियंका गांधी की रैली के जरिए पार्टी महाकौशल में अपना शक्ति प्रदर्शन करने के साथ प्रदेश में चुनावी शंखनाद करने जा रही है।
5 गारंटी पर कांग्रेस का पूरा फोकस-कर्नाटक में जिस तरह से कांग्रेस ने 5 गांरटी के साथ चुनाव लड़ा और सरकार बनते ही 5 गारंटी को लागू करने का एलान कर दिया, उसका पूरा सियासी माइलेज कांग्रेस मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में उठाने की तैयारी में है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जबलपुर में अपने चुनावी भाषण में प्रदेश में भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाने के साथ साथ महिलाओं, किसान और युवाओं पर खासा फोकस कर सरकार को घेरने की तैयारी में है। प्रियंका गांधी कांग्रेस की नारी सम्मान योजना के साथ सत्ता में आने पर 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने और कमलनाथ की 100 यूनिट बिजली माफ करने के साथ 200 यूनिट तक बिजली का बिल हाफ करने पर फोकस कर सरकार पर तीखे हमले करने की तैयारी में है।
मध्यप्रदेश की राजनीति को कई दशक से करीबी से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश पाठक कहते हैं कि कांग्रेस ने जिस तरह कर्नाटक और हिमाचल में पांच गारंटी की घोषणा की ठीक वैसा ही मध्यप्रदेश में करने जा रही है और जल्द ही पार्टी आधिकारिक तौर पर इसका एलान भी कर सकती है।
वोकल फॉर लोकल कांग्रेस का चुनावी ट्रंप कार्ड-मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर मुखर होकर भाजपा को पटखनी देने की तैयारी मे है। कांग्रेस प्रदेश के स्थानीय मुद्दों भ्रष्टाचार, किसान, कर्मचारी और युवाओं पर फोकस कर जीत का रास्ता तलाश रही है। पार्टी सत्ता में आने पर किसानों की कर्जमाफी का वादा कर रही है। वहीं कांग्रेस सरकार आने पर कांग्रेस कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा कर रही है।
इसके साथ पार्टी अपने मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, प्राथमिक शिक्षक और ड़ॉक्टरों की मांगों का समर्थन कर इस बड़े वोट बैंक को अपनी ओर करने में पूरा जोर लगा रही है। चुनाव में युवा वोटरों को साधने के लिए रोजगार देने का वादा करने के साथ सत्ता में आने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने जा रही है। पार्टी अपने वचन पत्र में सत्ता आने पर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ दो से ढाई हजार तक बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने की तैयारी में है।
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. राकेश पाठक कहते हैं कि पांच गारंटी के एलान के साथ मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर ही चुनाव लड़ेगी। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार भी अपने पिच नहीं छोड़ी और एक बार भी हिंदू-मुसलमान के फेर में नहीं पड़ी। बजरंग दल के मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने लोगों से बजरंग बली का नाम लेकर वोट करने की अपील की लेकिन कांग्रेस उनके ट्रैप में नहीं आई। इसके उलट भाजपा अब कांग्रेस की पिच पर खेलने को मजबूर हो रही है। अब कांग्रेस नेरेटिव सेट कर रही है और भाजपा उस पर आकर चुनाव लड़ रही है और राजनीति कर रही है।
डॉ. राकेश पाठक आगे कहते हैं कि मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस इस बात को समझ रही है कि राष्ट्रीय मुद्दों की राज्यों में कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की जनता को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाते हुए दिख रही है। चाहे वह भ्रष्टाचार का मामला हो या कर्मचारियों की मांगों का कांग्रेस इनको प्रमुखता उठा रही है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस कर्नाटक की तर्ज पर स्थानीय मुद्दों को उठाने की रणनीति पर चल रही है। वहीं भाजपा के पास मजबूरी है कि उसके पास स्थानीय मुद्दों में उठाने के लिए कुछ होता नहीं है।