लियो टॉल्स्टाय ने 18वीं सदी में एक उपन्यास लिखा था- अन्ना कारेनिना। एक विवाहित स्त्री का प्रेम के लिए भटकना और उसे पाकर भी मौत को पाना
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बोझिल होने लगे थे, अन्ना के जीवन में न प्रेम रहा और न ही पति नाम का कोई सामाजिक रिश्ता। दोराहे पर खड़ी अन्ना को लगा कि उसकी जिंदगी में मौत से बेहतर विकल्प और कुछ नहीं हो सकता। अंतत: उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली, और प्रेम की तलाश पूरी होकर भी अधूरी रह गई।