PM Modi Meerut rally : मेरठ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनावी रैली में विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 10,000 मुसलमान शामिल हुए, जिनमें से कुछ ने कार्यक्रम स्थल तक मोटरसाइकिल रैली का आयोजन किया। भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उप्र भाजपा की पश्चिमी इकाई के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जावेद मलिक ने कहा,चुनावी रैली में 10,000 से अधिक मुस्लिम शामिल हुए। उनमें से अधिकांश मेरठ जिले से आए थे।
उन्होंने कहा लोगों में मोदी को लेकर एक दीवानगी है। केंद्र की विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले लोग यहां कार्यक्रम स्थल तक आए थे । जिन लोगों ने मोदी जी और योगी (आदित्यनाथ) जी का प्रशासन देखा है, और जो लोग मोदी जी को देखना चाहते थे, वे यहां आए।'
रैली में शामिल हुए मेरठ लोकसभा सीट के लिए उप्र भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी समीर खान ने कहा कि गांधीबाग से रैली स्थल तक मोटरसाइकिल रैली निकाली गई, जिसमें 100 मोटरसाइकिल सवारों ने सक्रिय भागीदारी की।
खान ने कहा, मोटरसाइकिल रैली में भाग लेने वालों में खासा जोश था। पहले की तुलना में लोग अब मेरठ शहर में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
मेरठ में इन्वर्टर बैटरी रिपेयरिंग यूनिट चलाने वाले अंजुम निज़ामी ने कहा कि शहर में लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली को लेकर उत्साहित हैं।
निज़ामी ने कहा, "उत्साह का कारण यह है कि पिछले 10 वर्षों में, सपा, बसपा और कांग्रेस को कभी भी नागरिकों का हालचाल पूछते नहीं देखा गया।"
मेरठ दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के निवासी यूनुस सैफी (जो रैली स्थल पर मौजूद थे) ने कहा कि लोग बहुत उत्साहित हैं और भाजपा राज्य में अधिकांश सीटें जीतेगी।
रैली में शामिल होने के लिए बिजनौर से आए पशु चिकित्सक दिलशाद अहमद ने बताया कि उनके साथ करीब 300 लोग प्रधानमंत्री को सुनने के लिए उनकी रैली में आए थे।
अहमद ने बताया कि "भाजपा के बारे में लोगों की मानसिकता में अहम बदलाव आया है। 'आवास योजना' सहित सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों में बड़ी संख्या में मुस्लिम हैं। कई मुसलमानों ने आयुष्मान योजना और जनधन योजना का भी लाभ उठाया है।
यह चुनावी रैली निश्चित रूप से जनता को एक कड़ा संदेश देगी।'
भाजपा के जावेद मलिक ने यह भी कहा कि "चुनावी रैली में इतनी बड़ी संख्या में मुसलमानों की उपस्थिति निश्चित रूप से मुसलमानों का भाजपा की ओर झुकाव और एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है।"
उन्होंने कहा कि मेरठ लोकसभा क्षेत्र उन सीटों में से एक है जहां मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है।
मलिक ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन को पश्चिमी उप्र के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में सफलता मिली थी।
हालांकि, राजनीतिक समीकरण इसबार पूरी तरह से बदल गए हैं।
इस बार जाटों के बीच अपना अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल का भाजपा के साथ गठबंधन हो गया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिन लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं का बहुल है उनमें रामपुर (42 प्रतिशत), अमरोहा (32 प्रतिशत), सहारनपुर (30 प्रतिशत), बिजनौर, नगीना और मुरादाबाद (28-28 प्रतिशत), मुजफ्फरनगर (27 प्रतिशत), कैराना और मेरठ (23-23 प्रतिशत) और सम्भल (22 प्रतिशत) शामिल हैं।
इसके अलावा बुलंदशहर, बागपत और अलीगढ़ में मुस्लिम मतदाताओं की भागीदारी (19 फीसद) हैं।
80 लोकसभा सीटों वाले राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में लगभग 15.34 करोड़ लोग मतदान करने के लिए अधिकृत हैं। उत्तर प्रदेश में 19 अप्रैल से सात चरणों में चुनाव होंगे।
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आठ संसदीय क्षेत्रों में मतदान होगा। ये सीट हैं सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (एससी), मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत। वोटों की गिनती चार जून को होगी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने मुस्लिम-दलित बहुल सहारनपुर, बिजनौर, नगीना और अमरोहा सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि उसके गठबंधन की सहयोगी सपा को मुरादाबाद, रामपुर और संभल सीटें मिली थीं।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 62 सीटें और उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने दो सीटें जीतीं। भाषा