Kshatriya community rejected Purushottam Rupala's apology : गुजरात में क्षत्रिय समुदाय के सदस्यों ने देशी रियासतों के पूर्व शासकों पर टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के खिलाफ अपना विरोध गुरुवार को तेज कर दिया। इसके साथ ही समुदाय ने चेतावनी दी कि अगर भारतीय जनता पार्टी राजकोट संसदीय सीट से उम्मीदवार रूपाला को नहीं हटाती है तो पार्टी को हार का सामना करना पड़ेगा।
क्षत्रिय समुदाय को राजपूत भी कहा जाता है। समुदाय के प्रमुख नेताओं ने यहां बैठक की और राज्यभर में रूपाला का पुतला जलाने का फैसला किया। उन्होंने रूपाला के खिलाफ प्रदर्शन के तहत आने वाले दिनों में राजकोट में समुदाय की एक बड़ी सभा आयोजित करने का भी फैसला किया।
रूपाला ने 22 मार्च को राजकोट में एक सभा को संबोधित करते हुए टिप्पणी की थी कि तत्कालीन महाराजाओं ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के आगे घुटने टेक दिए थे। रूपाला ने कहा था कि इन महाराजाओं ने उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध रखा। रूपाला ने पहले ही अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांग ली है लेकिन समुदाय की समन्वय समिति ने इसे स्वीकार नहीं किया और कहा कि वह लोकसभा चुनाव के बाद यही भाषा बोल सकते हैं।
समिति के एक सदस्य वीरभद्र सिंह ने कहा, हम उनकी माफी को अस्वीकार करते हैं क्योंकि उन्होंने इसे अपने दिल से नहीं कहा। वह चुनाव के बाद भी ऐसी टिप्पणी कर सकते हैं। अगर रूपाला को नहीं हटाया गया, तो हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें चुनाव में हार का मुंह देखना पड़े।
वीरभद्र सिंह ने कहा, हम भाजपा के खिलाफ नहीं हैं और पार्टी रूपाला को हटाने के बाद किसी और को टिकट दे सकती है। उन्होंने बैठक के बाद कहा, टिकट वितरण के दौरान गौर नहीं किए जाने के बावजूद राजपूतों ने कभी परेशानी नहीं पैदा की, लेकिन इस बार हमारा सम्मान खतरे में है। हमारी मंशा उन्हें माफ करने की नहीं हैं, 80 प्रतिशत राजपूत लंबे समय से भाजपा के साथ हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा, अगर रूपाला को नहीं हटाया गया तो पार्टी को परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। एक अन्य क्षत्रिय नेता वासुदेव सिंह गोहिल ने कहा कि अगर रूपाला को नहीं हटाया गया तो वे हर जिले में उनका पुतला जलाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर रूपाला को नहीं हटाया जाता है तो राजकोट का राजपूत समुदाय उनके खिलाफ मतदान करेगा।
उन्होंने कहा, गुजरात में हमारी आबादी 17 प्रतिशत है। राजकोट जिले में ही लगभग तीन लाख राजपूत मतदाता हैं। इसके अलावा अन्य समुदाय भी हमारे पक्ष में हैं। एक राजपूत दूसरों के 10 वोट ला सकता है। इस प्रकार हम चुनाव परिणाम बदलने में सक्षम हैं। गुजरात के सभी 26 संसदीय क्षेत्रों में सात मई को मतदान होगा और मतों की गिनती चार जून को होगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour