लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तीन और उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने आखिरी उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया।
पार्टी ने इंदौर सीट पर दो चुनाव हार चुके पंकज संघवी को फिर एक बार फिर मौका दिया। कांग्रेस ने आज जिन तीन नामों का ऐलान किया है, उनमें लखनऊ से गृहमंत्री राजनाथसिंह के सामने आचार्य प्रमोद कृष्णम को दिया मौका दिया गया है। यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से विनय कुमार पांडे को मैदान में उतारा गया है।
पंकज संघवी को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी माना जाता है। पंकज संघवी विधानसभा चुनाव में भी टिकट के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने उनको मौका नहीं दिया था।
पंकज संघवी इंदौर में महपौर से लेकर लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। पंकज संघवी की पार्टी और क्षेत्र में पकड़ और लगातार सक्रिय रहने के चलते पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है।
अब जीते सिर्फ पार्षद का चुनाव : पंकज संघवी 1983 में पहली बार पार्षद का चुनाव जीते। 1998 में पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया। इसमें भाजपा उम्मीदवार सुमित्रा महाजन से 49 हजार 852 वोटों से पराजय का सामना करना पड़ा। दिसंबर 2009 में महापौर का चुनाव लड़े और भाजपा के कृष्णमुरारी मोघे से करीब 4 हजार वोटों से हार मिली। 2013 में इंदौर विधानसभा पांच नंबर सीट से करीब 12 हजार 500 वोट से विधानसभा चुनाव में पराजय मिली।
कांग्रेस ने लखनऊ में अपने फायर ब्रांड नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को मैदान में उतार कर मुकाबले के दिलचस्प बना दिया है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम को भाजपा के हिन्दुत्व के एजेंडे की काट के लिए कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
कैसरगंज सीट से पार्टी ने पुराने कांग्रेसी और पूर्व सांसद विनय कुमार पांडे को अपना उम्मीदवार बनाया है जिनका मुख्य मुकाबला भाजपा के वर्तमान सांसद बृजभूषण शरणसिंह से होगा।