रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में अब तक कई लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन की जनसंख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रूस के पूरी तरह से हमला करने के बाद यूक्रेन की जनसंख्या में 1 करोड़ की गिरावट दर्ज की गई है। इसका कारण शरणार्थियों का बड़ी संख्या में पलायन, जन्म दर में गिरावट और युद्ध से हुई मौतें हैं।
घट रहे हैं लोग
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया की क्षेत्रीय निदेशक फ्लोरेंस बाउर का कहना है, "2014 के बाद यूक्रेन की कुल आबादी में 1 करोड़ और 2022 में हमलों के बाद से लगभग 80 लाख की गिरावट दर्ज की गई है।”
1991 में जब सोवियत संघ खत्म हो रहा था, उस समय यूक्रेन की आबादी 5 करोड़ से ज्यादा थी लेकिन कई पूर्वी यूरोपीय और मध्य एशियाई देशों की तरह इसकी जनसंख्या में भी भारी गिरावट आई। 2021 में रूस के हमले से पहले यूक्रेन की जनसंख्या लगभग 4 करोड़ थी।
बाउर का कहना है, "यूक्रेन की आबादी पर हमले के प्रभावों का सटीक विश्लेषण तभी हो पाएगा जब युद्ध समाप्त होने पर फिर से जनगणना की जाएगी।”
एक करोड़ लोग कम हुए
आंकड़ों के अनुसार 2014 में जब रूस ने पहली बार क्रीमिया पर हमला किया तो उस समय यूक्रेन की कुल आबादी लगभग 4।5 करोड़ थी। लेकिन फरवरी 2022 में जब रूस ने पूरी ताकत के साथ यूक्रेन पर हमले किए तो जनसंख्या घटकर 4।3 करोड़ पहुंच चुकी थी और आज यह आंकड़ा सिमट कर 3।5 करोड़ पर आ चुका है। यह जानकारी सरकार और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के हवाले से मिली है।
जिनेवा में पत्रकारों से बात करते हुए बाउर ने कहा, "जनसंख्या में आई इस गिरावट के जिम्मेदार कई कारण हैं। युद्ध से पहले ही यूक्रेन यूरोप का सबसे कम जन्म दर वाला देश था और पूर्वी यूरोप की तरह बहुत से लोग यहां से पलायन कर चुके हैं।” यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में पिछले साल विस्थापितों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर थी।
जन्मदर का असर
फरवरी 2022 से हमले शुरू होने के बाद ढाई साल में लगभग 67 लाख लोग शरणार्थियों के रूप में देश से बाहर गए हैं। इसके अलावा देश की जन्म दर में भारी गिरावट आई है। मौजूदा समय में यह प्रति महिला लगभग एक बच्चे पर है, जो दुनिया में सबसे कम है। जनसंख्या को स्थिर बनाए रखने के लिए एक महिला के लिए प्रजनन दर 2।1 तय की गई है।
युद्ध का असर यूक्रेन के साथ-साथ रूस पर भी पड़ा है। साल के पहले छह महीने में ही रूस में 1999 के बाद से सबसे कम जन्म दर दर्ज की गई है।
बाउर का कहना है, "इस युद्ध के दौरान कितने लोगों की मौत हुई है इसके आंकड़े बता पाना मुश्किल है, लेकिन ऐसा अनुमान है कि दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।”