रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि उनकी नौसेना ऐसे हमलों के लिए तैयार है जिन्हें रोका नहीं जा सकेगा।
रविवार को लड़ाकू जहाजों की एक परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने कहा कि कि उनके देश के हित में हुआ तो रूसी नौसेना दुश्मन के ठिकानों पर अबाध हमले करने को तैयार है। पुतिन ने कहा कि रूस की नौसेना के पास आज वह सब कुछ है जो देश और राष्ट्रहितों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
कुछ ही दिन पहले ब्रिटेन के एक लड़ाकू विमान के यूक्रेन के पास से गुजरने को लेकर पश्चिमी ताकतों और रूस के बीच तनाव हो गया था। रूस ने दावा किया था कि अपनी जल-सीमा से ब्रिटेन के एक युद्धक पोत को भगाने के लिए उसके रास्ते में बम गिराये गए और गोलियां दागी गईं। रूस का कहना था कि ब्रिटिश जहाज क्रीमिया प्रायद्वीप के इलाके में उसकी जल-सीमा के भीतर था।
उधर ब्रिटेन ने इन दोनों ही दावों को गलत बताया था। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कहा, "अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जहाज बहुत निर्दोष तरीके से यूक्रेन के क्षेत्रीय पानी से गुजर रहा था। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने कहा कि यह कहना गलत है कि जहाज पर कोई गोलीबारी हुई, या जहाज रूस की समुद्री सीमा में था।
ताकत का प्रदर्शन
रविवार की परेड में रूस ने अपनी नौसैनिक ताकत का प्रदर्शन किया। सेंट पीटर्सबर्ग में हुई इस परेड में 50 जहाजों और 4,000 सैनिकों ने हिस्सा लिया। अक्टूबर में रूस की नौसेना की स्थापना के 325 साल पूरे हो रहे हैं।
बाइडेन-पुतिन मुलाकात
शिखर भेंट से पहले जो बाइडेन ने कहा था कि मैं रूस के साथ संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन अगर रूस अपनी हानिकारक गतिविधियों को जारी रखता है तो हम जवाब देंगे।" यूरोपीय संघ ने चेतावनी दी है कि रूस के साथ रिश्ते और खराब हो सकते हैं।
परेड में डेस्ट्रॉयर नौकाएं और लड़ाकू जहाज तो थे ही, साथ ही प्रिंस व्लादीमीर पनडुब्बी भी थी जिसे पहली बार परेड में शामिल किया गया था। परमाणु हमला करने में सक्षम यह पनडुब्बी बैलिस्टिक मिसाइलों से सुसज्जित है।
पुतिन ने कहा कि हम पानी के नीचे, पानी के ऊपर और हवा में किसी भी दुश्मन का पता लगाने में सक्षम हैं और जरूरत पड़ी तो अबाध हमला करेंगे। रूसी नेता ने अपनी नौसेना का प्रादुर्भाव का भी बखान किया कैसे एक सामान्य सेना से यह अब दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में शामिल हो गई है।
पुतिन ने कहा कि अब रूस के पास "हाइपरसोनिक निशाना लगाने की क्षमता रखने वाले हथियार हैं जिनका दुनिया में कोई सामी नहीं है और जो लगातार बेहतर हो रहे हैं।
पश्चिम से तनाव
व्लादीमीर पुतिन की ये आक्रामक टिप्पणियां तब आई हैं जबकि पश्चिमी देशों से उसका समुद्री सीमाओं में लगातार विवाद चल रहा है। हाल ही में अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देशों ने यूक्रेन के समुद्र में युद्धाभ्यास किया था।
क्रीमिया को लेकर रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद में ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी ताकतें भी पक्षधर हैं। 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था लेकिन ब्रिटेन और दुनिया के कई अन्य देश काला सागर प्रायद्वीप को रूस के बजाय यूक्रेन के हिस्से के तौर पर मान्यता देते हैं।
शीतयुद्ध के बाद
शोधकर्ताओं ने कहा है कि शीत युद्ध के अंत के बाद से 1990 के बाद के दशकों में परमाणु हथियारों की संख्या में लगातार कमी आ रही थी, लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है। यह कहना है स्वीडन के संस्थान सिपरी में एसोसिएट सीनियर फेलो हांस क्रिस्टेनसेन का।
पिछले महीने ब्रिटिश युद्धपोत को लेकर हुई घटना के बारे में पुतिन ने कहा कि उनकी नौसेना ब्रिटिश जहाज एचएमएस डिफेंडर को डुबो तक सकती थी। पुतिन ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने इस उकसावे में अहम भूमिका निभाई थी।
सोमवार को रूस ने कहा है कि उसने नई हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकोन का एक और परीक्षण किया है। ऐसी सूचना है कि मिसाइल को उत्तरी रूस के वाइट सागर में स्थित ऐडमिरल ग्रोशकोव बेस से छोड़ा गया और उसने बारेंट्स सागर के तट के पास एक जमीनी ठिकाने पर निशाना साधा। रूस का दावा है कि यह मिसाइल ध्वनि की गति से नौ गुना तेज रफ्तार रखती है और 1,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
वीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स, एपी)