Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आयुर्वेद के खिलाफ डॉक्टरों के संगठन ने खोला मोर्चा

हमें फॉलो करें आयुर्वेद के खिलाफ डॉक्टरों के संगठन ने खोला मोर्चा

DW

, शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020 (14:22 IST)
आयुर्वेद के डॉक्टरों को कई तरह की सर्जरी करने की अनुमति देने का विरोध कर रहे आईएमए ने राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल बुलाई है। आयुर्वेद के डॉक्टरों का कहना है कि वे सर्जरी के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित होते हैं।

महामारी के बीच पूरे देश में बुलाई गई डॉक्टरों की हड़ताल का अगर व्यापक असर हुआ तो स्थिति गंभीर हो सकती है। हालांकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि हड़ताल सिर्फ गैर-जरूरी और गैर-कोविड सेवाओं तक सीमित रहेगी। ओपीडी सेवाएं बाधित रहेंगी और गैर-जरूरी इलेक्टिव सर्जरी नहीं होगी। केंद्र सरकार ने नवंबर में एक अधिसूचना जारी कर आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 किस्म की सर्जरियां करने की अनुमति दे दी थी।

एनडीए सरकार का शुरू से प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहन देने के प्रति झुकाव रहा है। इसी उद्देश्य से सरकार ने 2014 में ही एक नए मंत्रालय का ही गठन कर दिया था, जिसे आयुष मंत्रालय के नाम से जाना जाता है। नवंबर में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा था कि नई अधिसूचना चिकित्सा नीति से परे नहीं है और इसे सिर्फ एक स्पष्टीकरण के रूप में जारी किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसा नहीं है कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सभी सर्जरियां करने की अनुमति दे दी गई है और आयुर्वेद की सिर्फ शल्य और शलाक्य विधाओं में प्रशिक्षित डॉक्टरों को ये सर्जरियां करने की अनुमति दी गई है। लेकिन आईएमए के डॉक्टरों का कहना है कि आधुनिक चिकित्सा को आयुर्वेद के साथ मिलाया नहीं जा सकता है।

आईएमए के सचिव डॉक्टर हेमांग बैश्य ने द प्रिंट समाचार वेबसाइट को बताया कि आधुनिक चिकित्सा में निरंतर रिसर्च चलती रहती है जबकि आयुर्वेद की पहुंच और रिसर्च भारत तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि सभी पद्धतियों को एक साथ मिलाने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इससे मरीजों का नुकसान होगा। लेकिन आयुर्वेदिक डॉक्टरों का कहना है कि वे दशकों से सर्जरियां करते आ रहे हैं और इसके लिए वो पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं।
रिपोर्ट : चारु कार्तिकेय

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पश्चिम बंगाल में जेपी नड्डा के काफ़िले पर हमले से बढ़ी चुनावी सरगर्मी