Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

यूं परेशान हुआ नॉर्वे का एक गांव

हमें फॉलो करें यूं परेशान हुआ नॉर्वे का एक गांव
, बुधवार, 10 मई 2017 (12:04 IST)
आपके गांव से होकर कभी कभार कोई कार गुजरती है। अगर अचानक आपके गांव में बाहरी कारों और बसों की भीड़ लग जाए तो क्या करेंगे? नॉर्वे के एक गांव में पिछले दिनों यही हुआ। दोष गूगल का था।
 
नॉर्वे में लिसफ्योर्ड के पास एक गांव है फॉसमॉर्क। इन दिनों वहां के निवासी परेशान हैं। सैकड़ों सैलानी गांव की सड़कों पर घूम रहे हैं, मिनी बसों की कतारें लगी हैं। श्टावांगर के नजदीक स्थित ये गांव आखिर इतना लोकप्रिय कैसे हो गया? इसका क्षेय गूगल मैप को जाता है। दैनिक श्टावांगर आफ्टेनब्लाड के अनुसार गूगल मैप का रूट प्लानर लोगों को इस गांव में भेज रहा है, हालांकि वे प्रसिद्ध स्पॉट प्रेकेस्टोलेन जाना चाहते हैं।
 
पहाड़ी चट्टानों की ओर जाने के लिए ट्रेकिंग शुरू करने की जगह इस गांव से 30 किलोमीटर दूर है, जहां एक प्लैटफॉर्म है जहां से लिसफ्योर्ड को दूर दूर तक देखा जा सकता है। लेकिन गूगल किसी गड़बड़ी की वजह से सैलानियों को वहां पहुंचाने के बदले फॉसमॉर्क गांव तक पहुंचा दे रहा है। गांव की एक निवासी ने दैनिक को बताया कि लोग समझ ही नहीं पाते कि वे फ्योर्ड के सही सिरे होने के बदले गलत सिरे पर हैं। गूगल मैप उन्हें लिसफ्योर्ड पुल से होकर गांव की ओर भेज देता है।
गांव के रास्ते बड़े तंग हैं और बहुत से कार ड्राइवर वापस लौटने की बात सुनकर घबरा जाते हैं। दिल को दिलासा देने के लिए बहुत से सैलानी यही सोचते हैं कि दूरबीन होती तो इस ओर से दरिया के पार प्रसिद्ध चट्टान पर खड़े पर्यटकों को देखता।
 
इस समस्या से नॉर्वे के अधिकारी भी परेशान हैं। उनका कहना है कि इस बीच लोग स्ट्रीट साइन से ज्यादा गूगल पर भरोसा करने लगे हैं। दूसरी ओर गूगल का कहना है कि वह अपनी सर्विस सुधारने की कोशिश कर रहा है।
 
रिपोर्ट: महेश झा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत से निकला 8 साल का ये स्केटिंग अजूबा